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भाजपा की पड़ताल जारी, लोकसभा चुनाव में भितरघात करने वालों को चिह्नित कर रही पार्टी

भितरघात और विद्रोह करने वाले भाजपा के पूर्व सांसद विधायक समेत संगठन से जुड़े नेताओं की शिनाख्त शुरू हो गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 12:00 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 01:39 PM (IST)
भाजपा की पड़ताल जारी, लोकसभा चुनाव में भितरघात करने वालों को चिह्नित कर रही पार्टी
भाजपा की पड़ताल जारी, लोकसभा चुनाव में भितरघात करने वालों को चिह्नित कर रही पार्टी

लखनऊ [आनन्द राय]। लोकसभा चुनाव 2019 में 74 सीट जीतने के निर्धारित लक्ष्य के बाद 62 सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी के रडार पर अब अनुशासनहीन व भितरघात करने वाले नेता व कार्यकर्ता हैं। भितरघात और विद्रोह करने वाले भाजपा के पूर्व सांसद, विधायक समेत संगठन से जुड़े नेताओं की शिनाख्त शुरू हो गई है। पार्टी की इस गोपनीय पड़ताल के दायरे में टिकट गंवाने वाले कई पूर्व सांसदों से लेकर पार्टी से कई असंतुष्टों के नाम आ रहे हैं। 

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भाजपा ने जिन सांसदों के टिकट काटे उनमें हरदोई के अंशुल वर्मा और मिश्रिख की अंजूबाला का नाम प्रमुख है। टिकट कटने के बाद अंशुल वर्मा ने भाजपा छोड़कर सपा की सदस्यता ग्रहण कर ली लेकिन, अंजूबाला ने भाजपा में रहते हुए तीखे तेवर दिखाए। उन्होंने पार्टी के फैसले पर भी सवाल उठाए। उनकी भूमिका का नेतृत्व ने नोटिस लिया है। श्रावस्ती संसदीय क्षेत्र में लगभग पांच हजार मतों की कमी से दद्दन मिश्रा दोबारा संसद में नहीं पहुंच सके और यह सीट भाजपा के हाथ से निकल गई। विधायक और पार्टी के पदाधिकारी भी अंदरखाने दद्दन के विरोध में काम कर रहे थे। मछलीशहर संसदीय क्षेत्र में चुनाव अधिसूचना जारी होने के करीब ही बसपा से भाजपा में आये बीपी सरोज को टिकट मिल गया। भाजपा में कुछ लोगों को सरोज का टिकट मिलना रास नहीं आया। बीपी सरोज किसी तरह 181 मतों से चुनाव जीते। भाजपा ने ऐसे लोगों की छानबीन शुरू कर दी है जो मिशन में रोड़ा बने। चुनाव के दौरान भी भाजपा प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल हर क्षेत्र की रिपोर्ट ले रहे थे। वह संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखे थे।

विधानसभा चुनाव में भी ऐसे लोगों को चिह्नित कर रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर को दी गई थी। तब चुनाव बाद भाजपा से प्रदेश के 87 नेताओं को निष्कासित किया गया और 303 लोगों को नोटिस दी गई थी। जब राठौर से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि दंड और पुरस्कार की प्रक्रिया तो पुरानी है। जिलों से आने वाली रिपोर्ट पर नेतृत्व फैसला करेगा। 

कोई पद नहीं पा सकेंगे मिशन के दुश्मन 

भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 74 सीटों का लक्ष्य रखा था। इसमें अवरोधक बनने वालों को भविष्य में संगठन और सरकार में मौका नहीं मिलेगा। ऐसे लोग चाहे कितने भी ताकतवर हों लेकिन, उनकी शिनाख्त कर पार्टी उन्हें सबक सिखाएगी। इन्हें भविष्य में होने वाले चुनावों में टिकट भी नहीं मिलेगा।

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