UP ATS की बड़ी कार्रवाई : टेरर फंडिंग के संदेह में रोहिंग्या गिरफ्तार, विदेश से खातों में आए थे लाखों रुपये
UP ATS की बड़ी कार्रवाई संतकबीरनगर के खलीलाबाद में अवैध ढंग से रह रहे रोहिंग्या अजीजुल हक। दो पासपोर्ट समेत बनवाए थे कई अन्य फर्जी दस्तावेज तीन साल पहले मां-बहन व दो भाइयों को भी अवैध ढंग से लाया था।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बुधवार को आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बड़ी कार्रवाई की है। एटीएस ने टेरर फंडिंग के संदेह में संतकबीरनगर के खलीलाबाद में अवैध ढंग से रह रहे रोहिंग्या अजीजुल हक को गिरफ्तार किया है। अजीजुल ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये अजीजुल्लाह के नाम से दो पासपोर्ट, आधारकार्ड व अन्य प्रपत्र भी बनवा रखे थे। वह वर्ष 2017 में अवैध ढंग से अपनी मां-बहन व दो भाइयों को भी यहां ले आया था।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि अजीजुल के पांच बैंक खातों में विदेशों से भी लाखों रुपये भेजे गए हैं। यह रकम वर्ष 2015 से उसके खातों में भेजी जा रही थी। उसके टेरर फंडिंग में शामिल होने की आशंका है, जिसकी गहनता से छानबीन कराई जा रही है। एटीएस ने अजीजुल के संपर्क में रहे अलीगढ़ के दिल्ली गेट क्षेत्र निवासी युवक के ठिकाने पर भी छापेमारी की है। कुछ अन्य जिलों में भी छानबीन की जा रही है।
एडीजी ने बुधवार को प्रेसवार्ता में बताया कि मूलरूप से म्यांमार निवासी अजीजुल को खलीलाबाद से गिरफ्तार किया गया है। उसके विरुद्ध एटीएस के लखनऊ थाने में धोखाधड़ी, 14 विदेशी अधिनियम व 12 पासपोर्ट अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज की गई है। एटीएस अजीजुल के भाई व बहनोई की भी तलाश कर रही है। संदेह के घेरे में आए पांच लोगों से पूछताछ चल रही है। एटीएस अजीजुल को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर संदेह के घेरे में आए लोगों से उसका आमना-सामना भी करायेगी। सूत्रों का कहना है कि इनमें संतकबीरनगर निवासी नगर निगम में संविदा पर काम कर रहा तकनीकी सहायक भी शामिल है। वह फर्जी दस्तावेज बनवाने में अजीजुल का मददगार रहा है, जबकि अलीगढ़ में जिस युवक के ठिकाने पर छापा माया गया है, उसका अजीजुल से लेनदेन होने की बात सामने आई है।
अजीजुल अलीगढ़ में रहा भी था। उसके कब्जे से फर्जी दस्तावेजों के जरिये अजीजुल्लाह के नाम से बने दो पासपोर्ट, एक आधार कार्ड, पैन कार्ड, पांच बैंक पासबुक, राशनकार्ड व म्यांमार का एक डेबिट कार्ड मिला है। उसके पास से दो अन्य व्यक्तियों के भी आधारकार्ड मिले हैं। आइजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि अजीजुल ने फर्जी राशनकार्ड, मार्कशीट व प्राथमिक पाठशाला के ट्रांसफर सार्टीफिकेट का इस्तेमाल कर दो पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज बनवाए हैं। वह वर्ष 2002 में बांग्लादेश के रास्ते अवैध ढंग से आया था और तभी से यहां डेरा जमाए था। वह वर्ष 2017 में अपनी मां आबिदा खातून, बहन फातिमा खातून तथा दो भाइयों जियाउल हक व मु.नूर को लेकर अवैध ढंग से भारत लेकर आया था। जियाउल हक नासिक में रहता है, जबकि दूसरे भाई नूर व बहनोई नूर आलम का पता नहीं है। एटीएस दोनों की तलाश कर रही है।
Uttar Pradesh Anti-Terrorism Squad conducts raids at several locations in the state including Khalilabad and Aligarh. The raids are being carried out in connection with Rohingyas and terror funding.— ANI UP (@ANINewsUP) January 6, 2021
बदरे आलम ने दर्ज कराया था राशनकार्ड में नाम
एडीजी कानून-व्यवस्था का कहना है कि आरोपित अजीजुल संतकबीरनगर के ग्राम नौरा निवासी बदरे आलम के घर पर भी रहा था। बदरे आलम ने ही राशनकार्ड में अजीजुल का नाम अपने बेटे अजीजुल्लाह के नाम से दर्ज करा दिया था। इस राशनकार्ड के आधार पर ही अजीजुल ने फर्जी दस्तावेज बनवाए थे। बदरे आलम का दावा है कि अजीजुल ने खुद को अनाथ बताया था, जिस पर उन्होंने उसे अपने घर में शरण दे दी थी।
रोहिंग्या के नाम जमा कर रहा था चंदा
अजीजुल के रोहिंग्या के नाम पर चंदा जुटाने की बात भी सामने आई है। उसका मकसद क्या था और वह चंदे की रकम से क्या करने वाला था। इसकी भी छानबीन चल रही है।
वर्ष 2015 में गया था सऊदी अरब
अजीजुल वर्ष 2015 में सऊदी अरब गया था। इसके अलावा वह वर्ष 2017 में बांग्लादेश भी गया था। वह किन और देशों में गया और किन-किन लोगों के संपर्क में रहा, इसकी छानबीन भी चल रही है।
गोरखपुर में मोबाइल शाप पर मारा था एटीएस ने छापा
बता दें, 29 दिसंबर को टेरर फंडिंग, हवाला और देश विरोधी तत्वों के संपर्क में होने की जांच कर रही एटीएस ने गोरखपुर में गोलघर के बलदेव प्लाजा स्थित नईम एंड संस मोबाइल शाप समेत फर्म की दो दुकानों पर छापा मारा था। आठ घंटे से अधिक समय तक चली छानबीन व पूछताछ के बाद टीम दुकान में लगे कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और अन्य दस्तावेज कब्जे में लिए थे। 2018 में भी यहां एटीएस की टीम ने छापा मारा था।
24 मार्च 2018 में सील की थी तीनों दुकानें
एटीएस ने 24 मार्च 2018 को टेरर फंडिंग, हवाला कारोबार और देश विरोधी तत्वों के संपर्क में होने के संदेह में मोबाइल फोन के थोक कारोबारी नईम एंड संस के मालिक नईम के बेटों नसीम अहमद तथा अरशद को हिरासत में लिया था। फर्म के तीन प्रतिष्ठानों से 50 लाख रुपये से अधिक नकदी बरामद कर तीनों प्रतिष्ठानों से कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव और अन्य दस्तावेज कब्जे में लिया था। इसके अलावा खोराबार और शाहपुर क्षेत्र से तीन अन्य लोग हिरासत में लिए गए थे।