यूपी एटीएस ने मानव तस्करी में शामिल दो रोहिंग्या को दबोचा, अलीगढ़ के पते पर बनवाए थे फर्जी दस्तावेज
UP ATS Arrested उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों की भारत में घुसपैठ कराकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह के दो और सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
लखनऊ, जेएनएन। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों की पहचान बदलकर उन्हें फर्जी दस्तावेजों के जरिए विदेश भेजने वाले गिरोह के दो और सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है। दोनों रोहिंग्या हैं और रिश्तेदार हैं। आइजी एटीएस जीके गोस्वामी ने बताया कि मानव तस्करी गिरोह के सक्रिय सदस्य समीर मंडल व विक्रम सिंह को पुलिस रिमांड पर लेकर की गई पूछताछ में अहम जानकारियां सामने आई हैं। जिसके आधार पर एटीएस ने गिरोह के सदस्य मूलरूप से म्यांमार निवासी मु.जमील उर्फ हारिशुल्ला व उसके साले नूर अमीन को गिरफ्तार किया गया है।
एटीएस वाराणसी की फील्ड इकाई ने मु.जमील को काेलकता से पकड़ा और उसकी निशानदेही पर उसका साला नूर भी पकड़ा गया। जमील ने अलीगढ़ के एक पते पर अपना फर्जी परिचयपत्र भी बनवा रखा था। जबकि उसके साले नूर ने भी अपनी पहचान बदल ली थी। नूर ने अपना छदम नाम सुदीप मैती रख लिया था और इसी नाम से फर्जी दस्तावेज भी तैयार करा लिए थे। जमील पूर्व में अलीगढ़ स्थित मुल्ला पारा, आशिक अली रोड पर रहता था और इसी पते पर फर्जी दस्तावेज बनवा लिए थे। वह वर्तमान में पश्चिम बंगाल के काजीपारा में रह रहा था । वह अपने अन्य साथियों की मदद से रोहिंग्या को बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ कराता था और फर्जी दस्तावेजों की जरिये उनकी पहचान बदलता था। हिंदू नाम पर बनवाए गए दस्तावेजों के जरिए उनके पासपोर्ट बनवाए जाते थे।
गिरोह के अन्य सदस्यों की भी तलाश की जा रही है। आरोपित जमील व उसके साले नूर के कब्जे से दो भारतीय पासपोर्ट, आठ आधार कार्ड, तीन मतदाता पहचान पत्र, तीन पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज मिले हैं। एटीएस ने 26 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल निवासी मिथुन मंडल व तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर मानव तस्कर गिरोह का राजफाश किया था। जिसके बाद से अब तक गिरोह के पांच और सदस्य पकड़े जा चुके हैं।