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साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड केस में चाइनीज ठगों का एक और साथी तेलंगाना में गिरफ्तार, यूपी एटीएस को मिली सफलता

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि तेलंगाना के विकाराबाद से प्रशांत पोट्टली को गिरफ्तार किया गया है जिसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है। इससे पहले थाणे महाराष्ट्र में अब्दुल रज्जाक अब्दुल नबी मेमन के घर पर भी छापा मारा गया लेकिन वह हाथ नहीं लगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 12:57 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 07:05 AM (IST)
साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड केस में चाइनीज ठगों का एक और साथी तेलंगाना में गिरफ्तार, यूपी एटीएस को मिली सफलता
यूपी एटीएस ने साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड केस में चाइनीज ठगों के एक और साथी को तेलंगाना में गिरफ्तार किया है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने लाखों के साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड के मामले में चाइनीज ठगों को गिरफ्तार करने के बाद अब उनके एक साथी प्रशांत पोट्टली को तेलंगाना से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। उनके एक अन्य सक्रिय साथी की महाराष्ट्र में तलाश चल रही है। दोनों गुरुग्राम में एक होटल का संचालन कर रहे थे और चाइनीज ठगों को शरण दे रखी थी। दोनों कई कंपनियां का संचालन करते थे, जिनमें साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड के आरोपित चाइनीज नागरिक भी जुड़े थे। 

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एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि तेलंगाना के विकाराबाद से 28 वर्षीय प्रशांत पोट्टली को गिरफ्तार किया गया है, जिसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है। इससे पहले थाणे, महाराष्ट्र में अब्दुल रज्जाक अब्दुल नबी मेमन के घर पर भी छापा मारा गया, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। अब्दुल के घर से कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एटीएस अधिकारियों के अनुसार अब्दुल व प्रशांत गुरुग्राम में रहकर एक होटल व कई कंपनियां चला रहे थे और चाइनीज ठगों से सीधे जुड़े थे। प्रशांत से पूछताछ में अब इस गिरोह के बारे में और जानकारियां सामने आएंगी।

उल्लेखनीय है कि एटीएस ने 17 जनवरी को यूपी के कई जिलों से फर्जी दस्तोवजों के जरिए हासिल किए गए सिमों का इस्तेमाल कर लाखों के साइबर इकोनॉमिक फ्रॉड का राजफाश किया था। चीनी नागरिक सुन जी यिंग, पोचंली टेंगली उर्फ ली टेंग ली और जू जुंफू को भी गिरफ्तार किया गया गया था। फर्जी आइडी पर लिए गए प्री-एक्टीवेटेड सिम के जरिए गिरोह ने दिल्ली में कई आनलाइन खाते खोले थे, जिनमें लाखों रुपये जमा कराए गए थे। एक चीनी दंपती की भी भूमिका सामने आई थी, जो गुरुग्राम के एक होटल में रहते थे। दंपती के कहने पर चीनी नागरिकों को करीब 500 प्री-एक्टीवेटेड सिम कार्ड उपलब्ध कराए जाने की बात भी सामने आई थी।


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