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ISI एजेंट राशिद वाराणसी से गिरफ्तार, बताया-भारतीय नंबर से WhatsApp ग्रुप चला रही ISI

एटीएस के अनुसार 2018 में जब राशिद पाकिस्तान में था तब आईएसआई ने उससे संपर्क किया। आईएसआई ने राशिद से दो भारतीय सिम खरीद कर उसका ओटीपी मांगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 10:56 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 12:21 PM (IST)
ISI एजेंट राशिद वाराणसी से गिरफ्तार, बताया-भारतीय नंबर से WhatsApp ग्रुप चला रही ISI
ISI एजेंट राशिद वाराणसी से गिरफ्तार, बताया-भारतीय नंबर से WhatsApp ग्रुप चला रही ISI

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश एटीएस ने सेना इंटेलिजेंस की मदद से पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से आइएसआइ एजेंट को गिरफ्तार किया है। वह सेना के साथ सीआरपीएफ के ठिकानों की तस्वीरें पाकिस्तान भेज रहा था। एटीएस लखनऊ में राशिद से पूछताछ कर रही है। 

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यूपी एटीएस ने वाराणसी से सोमवार को आइएसआइ एजेंट राशिद अहमद को गिरफ्तार किया है। आर्मी इंटेलिजेंस के इनपुट पर उत्तर प्रदेश एटीएस ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। 23 वर्षीय राशिद अहमद पुत्र इदरीस अहमद ने वाराणसी में बीएचयू के छित्तूपुर में रहकर इस काम में लगा था। राशिद वाराणसी में पोस्टर और बैनर लगाने का काम करता है। 

मोहम्मद राशिद 2018 में कराची में रहने वाली अपनी मौसी के यहां गया था। इसके बाद वहां आईएसआई के संपर्क में आया। 2019 से वह देश के महत्वपूर्ण स्थानों और सैन्य ठिकानों की तस्वीरें आईएसआई को भेजता था।वह पाकिस्तान के आईएसआई को महत्वपूर्ण सैन्य खुफिया सूचना देने में लगा हुआ था। मूलत: चौरहाट पड़ाव, कोतवाली मुगलसराय,चंदौली निवासी राशिद अहमद के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। इसी फोन से वह सैन्य तथा चंदौली में सीआरपीएफ के ठिकानों की फोटो खींचकर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई को भेज रहा था। वह इस दौरान सेना के साथ सीआरपीएफ के ठिकानों की भी रेकी कर चुका था।

ISI को जोधपुर में सेना के मूवमेंट की जानकारी 

एटीएस के अनुसार 2018 में जब राशिद पाकिस्तान में था, तब आईएसआई ने उससे संपर्क किया। आईएसआई ने राशिद से दो भारतीय सिम खरीद कर उसका ओटीपी मांगा। इसके बाद ओटीपी लेकर पाकिस्तान में बैठे आईएसआई एजेंटों ने उस नंबर पर व्हाट्सएप एक्टिवेट किया और राशिद को हुक्म दिया कि सिम कार्ड को तोड़ दे। अब उसी भारतीय सिम कार्ड के व्हाट्सएप पर पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अपना एजेंडा चला रही है। एटीएस के अनुसार उस सिमकार्ड पर तमाम भारतीय लोगों को जोड़कर भड़काऊ सामग्री भेजी जा रही है। व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े लोग उसे भारतीय नंबर समझते हैं, लेकिन उसका आपरेटर पाकिस्तान में बैठा है। एटीएस के सूत्र बताते है कि राशिद पाकिस्तानी सेना के इशारे पर जोधपुर में सेना के मूवमेंट की जानकारी देने में लगा था। वह इन दिनों वाराणसी कैंट तथा सीआरपीएफ अमेठी की जानकारी दे रहा था। वह लगातार व्हाट्सएप पर फोटो भेज रहा था। पाकिस्तानी हैंडलर के कहने पर उसको भारतीय सिम एक्टिवेट ओटीपी दिए गए थे। भारतीय सिम कार्ड पर व्हाट्सएप एक्टिव कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपना एजेंडा चला रही थी। आरोपी के पास से पेटीएम के माध्यम से पांच हजार रुपये तथा एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है।

चंदौली के पीडीयू नगर ( मुगलसराय) का  रहने वाला राशिद खुफिया एजेंसियों के निशाने पर था। सैन्य ठिकानों, सीआरपीएफ और वाराणसी समेत कई स्थानों की रेकी कर पाकिस्तान तस्वीरें भेजता था। सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों के मुताबिक राशिद पाकिस्तान में दो बार ट्रेनिंग ले चुका है। राशिद पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ हैंडलर के सीधे संपर्क में था। राशिद से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।

आइएसआइ एजेंट राशिद अहमद इस काम के लिए दो बार पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग भी ले चुका है। इसके बाद वह वीडियो भी पाकिस्तान भेजता था। इसके एवज में उसको पाकिस्तान से धन के साथ ही महंगे उपहार भी मिलते थे। वह लंबे समय से इस काम में लिप्त था। अब आइएसआइ एजेंट राशिद अहमद के खिलाफ उत्तर प्रदेश एटीएस ने केस दर्ज किया है।  


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