यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित का सुझाव, वर्चुअल पार्लियामेंट जैसी संभावना पर भी हो विचार
यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने संसद व विधानसभाओं की कार्यवाही व्यवधान रहित संचालित करने के लिए नियमावली तैयार करने को गठित समिति की बैठक को संबंधित किया।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना महामारी जैसे विषम हालातों में सदन की बैठकों का स्वरूप बदलने की जरूरत महसूस होने लगी है। ऐसे में वर्चुअल पार्लियामेंट जैसी संभावना पर भी विचार किया जााना चाहिए। शुक्रवार को यह सुझाव उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने संसद और विधानसभाओं की कार्यवाही व्यवधान रहित संचालित करने के लिए नियमावली तैयार करने को गठित समिति की बैठक में व्यक्त किए।
लोकसभा अध्यक्ष द्वारा गठित इस समिति की बैठक यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। समिति में गुजरात, पंजाब, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ व तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष भी शामिल है। बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी अध्यक्ष अपने सुझाव अगली बैठक में देंगे। हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि कोरोना कोविड-19 के कारण विधायिका के समक्ष नई चुनौती है। ऐसे माहौल में जिन सदनों में छह माह की अवधि व्यतीत हो रही है, उनकी बैठक संवैधानिक अपरिहार्यता के कारण बुलाई जानी है। उन सदनों की बैठकें किस प्रकार आहूत की जाय, यह विचारणीय प्रश्न है।
हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि कुछ देशों जैसे यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जापान व आस्ट्रेलिया द्वारा वर्तमान माहौल में भी संसद की बैठकें आहूत की गई हैं। इसको 'वर्चुअल पार्लियामेंट' की संज्ञा दी गई है। उन्होंने इस संभावना पर विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
संसद और देश की सभी विधान सभाओं के सदनों की कार्यवाही को व्यवधान रहित संचालन करने के लिए गठित की गयी समिति की बैठक आज कोरोना महामारी की विषम परिस्थिति उत्पन्न होने के बाद उत्तर प्रदेश में प्रथमबार उ0प्र0 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। pic.twitter.com/V7m3KHAxzq — Hriday Narayan Dixit (@Speaker_UPLA) May 29, 2020
बैठक में सदन की बैठकों के दिनों की संख्या कम होने, नये सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर न मिलने पर चिंता जताई गई। जीरो ऑवर पर महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत पर बल दिया गया। नियमों में जरूरी संशोधन के सुझाव भी दिए गए। सत्ता एवं प्रतिपक्ष के बीच सामंजस्य बढ़ाने के लिए प्रक्रिया एवं नियमावली के बारे में विशेष प्रशिक्षण की जरूरत बताई गई। सभी दलों द्वारा अपने स्तर पर सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम चलाने की बात कही। कोरोना जैसी महामारी में फिजिकल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए नियमों में व्यवस्था की आवश्यकता बताई गई।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में राजेंद्र सूर्यप्रसाद त्रिवेदी, अध्यक्ष गुजरात विधान सभा, जगदीश देवड़ा, अध्यक्ष मध्य प्रदेश विधान सभा, राणा केपी सिंह, अध्यक्ष, पंजाब विधानसभा, थीरू पी. धनपाल, अध्यक्ष तमिलनाडु विधानसभा, रेवती मोहन दास, अध्यक्ष त्रिपुरा विधान सभा ने विचार रखे। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, अपरिहार्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सकें। प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे भी उपस्थित रहे।