Move to Jagran APP

UP Assembly Election 2022: भाजपा के जमीनी लड़ाकों को युद्ध कौशल सिखाएंगे ये तीन महारथी

UP Assembly Election 2022 चुनावी युद्ध में जमीनी लड़ाका कहे जाने वाले लगभग पौने दो लाख बूथ अध्यक्षों को रण-कौशल सिखाने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश आएंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 19 Nov 2021 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 19 Nov 2021 07:30 AM (IST)
UP Assembly Election 2022: भाजपा के जमीनी लड़ाकों को युद्ध कौशल सिखाएंगे ये तीन महारथी
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जल्द ही उत्तर प्रदेश आएंगे।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बूथ स्तर पर व्यूह रचना कर 2014, 2017 और 2019 में विरोधी दलों को परास्त कर चुकी भारतीय जनता पार्टी ने फिर बूथ पर ही मोर्चा सजाने की पूरी तैयारी कर ली है। चुनावी युद्ध में जमीनी लड़ाका कहे जाने वाले लगभग पौने दो लाख बूथ अध्यक्षों को रण-कौशल सिखाने के लिए जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश आएंगे। जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह के कार्यक्रम तय हो गए हैं, जबकि अमित शाह के सम्मेलनों के लिए तारीख घोषित नहीं हुई है। साथ ही चार विजय संकल्प यात्राओं से यूपी मथने की भी रूपरेखा बनाई गई है।

loksabha election banner

भाजपा के राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश नेतृत्व की दिल्ली में गुरुवार को हुई अहम बैठक में मिशन 2022 पर गहन विचार-विमर्श हुआ। सबसे खास बात यह है कि जमीनी स्तर पर लड़ाई को मजबूत करने के लिए पार्टी ने ऐसे तीन महारथियों को जिम्मा सौंपा है, जिनकी अपनी-अपनी विशेषता है। नड्डा को गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलनों का जिम्मा मिला है। इन दो क्षेत्रों में कुल 114 विधान सभा सीटें हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते वह संगठन के मुखिया हैं और वोट डलवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले बूथ अध्यक्ष अंतिम छोर संभालते हैं।

अब तक प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार, जेपी नड्डा 22 नवंबर को गोरखपुर और 23 को कानपुर क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में शामिल होकर उनका हौसला बढ़ाएंगे। इसी तरह अमित शाह को यह जिम्मा सौंपे जाने के विशेष मायने हैं। वह पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रभारी भी रह चुके हैं। बूथ अध्यक्षों से सीधे रूबरू होने की राजनीतिक परंपरा उन्होंने ही 2014 के लोकसभा चुनाव में शुरू की थी। उनके पास पश्चिम और ब्रज क्षेत्र की जिम्मेदारी आई है। इन दो क्षेत्रों में कुल 136 विधान सभा सीटें हैं।

कृषि कानून विरोधी आंदोलन की वजह से पश्चिम को चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है, इसलिए कुशल रणनीतिकार के तौर पर अमित शाह यहां के बूथ अध्यक्षों को रण-कौशल सिखाएंगे। हालांकि, अभी उनके कार्यक्रम तय नहीं हो सके हैं। इसी तरह काशी और अवध के लिए राजनाथ सिंह को काफी प्रभावी माना जा रहा है। वह खुद मूल निवासी काशी के चंदौली के हैं और उनका लोकसभा क्षेत्र अवध में है। दोनों ही क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ के साथ निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं से जुड़ाव है। अनुभवी राजनाथ 25 नवंबर को अवध का सम्मेलन सीतापुर में करेंगे, जबकि काशी के लिए जौनपुर को चुना है, जहां वह 27 को सम्मेलन करेंगे।

लखनऊ में होगा चार यात्राओं का समागम, आएंगे मोदी : पार्टी सूत्रों ने बताया कि विजय संकल्प यात्राओं के जरिये पूरे यूपी को मथने की तैयारी भाजपा ने कर ली है। अलग-अलग क्षेत्रों से कुल चार यात्राएं निकाली जानी हैं। बताया गया है कि आठ दिसंबर को सहारनपुर से पहली यात्रा शुरू होगी। एक यात्रा मथुरा और एक अयोध्या से निकाले जाने का विचार है। चौथी यात्रा वाराणसी से निकाली जा सकती है। इनका समापन एक साथ लखनऊ में बड़ी रैली के रूप में हो सकता है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने की संभावना है। हालांकि, अभी इन यात्राओं के कार्यक्रमों पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.