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मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन से एक दिन पहले लखनऊ में होगी सपा व आरएलडी के गठबंधन की घोषणा

UP Assembly Election 2022 उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कुनबा बढ़ाओ अभियान के तहत विभिन्न दलों के दिग्गजों को समाजवादी पार्टी में शामिल करने के साथ ही अखिलेश यादव छोटे दलों के साथ गठबंधन की अपनी योजना को प्राथमिकता पर रखे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 06 Nov 2021 12:59 PM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 07:26 AM (IST)
मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन से एक दिन पहले लखनऊ में होगी सपा व आरएलडी के गठबंधन की घोषणा
अखिलेश यादव व जयंत चौधरी गठबंधन का एलान करेंगे

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की सत्ता से भारतीय जनता पार्टी को बाहर करने के बड़े अभियान में लगे पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अब एक बड़ा कदम बढ़ा रहे हैं। मऊ में 27 अक्टूबर को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने वाले सपा के मुखिया 21 नवंबर को लखनऊ में राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन का औपचारिक एलान करेंगे।

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उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कुनबा बढ़ाओ अभियान के तहत विभिन्न दलों के दिग्गजों को समाजवादी पार्टी में शामिल करने के साथ ही अखिलेश यादव छोटे दलों के साथ गठबंधन की अपनी योजना को प्राथमिकता पर रखे हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने के बाद पूर्वांचल में अपना गढ़ मजबूत करने वाले अखिलेश यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने पुराने साथी राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन का फैसला किया है।

समाजवादी पार्टी तथा राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन का एलान 21 नवंबर को लखनऊ के ताज होटल में होगा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन (22 नवंबर) से एक दिन पहले समाजवादी पार्टी तथा राष्ट्रीय लोकदल के बीच गठबंधन का औपचारिक एलान होगा। लखनऊ में 21 को अखिलेश यादव व जयंत चौधरी गठबंधन का एलान करेंगे। इसके बाद दोनों साझा प्रेस कान्फ्रेंस भी करेंगे। इसके साथ ही दोनों के बीच में सीट भी तय होगी। राष्ट्रीय लोकदल ने 403 में से 40 सीट मांगी है, जबकि समाजवादी पार्टी ने इनको 32 सीट देने का मन बनाया है। राष्ट्रीय लोकदल की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में अच्छी पकड़ है। समाजवादी पार्टी को भी पश्चिम उत्तर प्रदेश की घनी मुस्लिम आबादी वाली सीटों पर अच्छे वोट मिलने की उम्मीद है। ऐसे में दोनों साथ आने से काफी फर्क पड़ सकता है।

इससे पहले 27 अक्टूबर को मऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से गठबंधन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी की लाल टोपी और सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभासपा) की पीली टोपी अब लाल-पीली होकर एक हो गई है। हमारी इस एकता को देखकर दिल्ली और लखनऊ में कौन लाल-पीला हो रहा होगा, यह सभी जानते हैं। अगर बंगाल में खेला हुआ है, तो पूर्वांचल के लोग भी खदेड़ा करके भाजपा को सत्ता से भगाकर दिखाएंगे। जिस दरवाजे से भाजपा सत्ता में आई थी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने उसे बंद कर दिया है। पूर्वांचल जब जाग जाता है और जिस ओर चलता है, सत्ता उसी ओर चली जाती है। अखिलेश यादव 27 अक्टूबर को मऊ में हलधरपुर के ढोलवन मैदान में आयोजित सुभासपा के 19वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे।  


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