ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में शीर्ष पर उन्नाव की हैट्रिक, दूसरे-तीसरे पर बुलंदशहर और सहारनपुर
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने सभी 75 जिलों में भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रतिस्पर्धा शुरू करा दी है।
लखनऊ, जेएनएन। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में कामयाबी से उत्साहित उत्तर प्रदेश अपनी रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है। देश में यदि राज्य की व्यवस्थाओं का आकलन चल रहा है तो योगी सरकार ने जिलों के कंधों पर भी सुधार की जिम्मेदारी डाली है। हर माह जिलों की भी दो श्रेणियों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग जारी की जा रही है। अगस्त, 2020 की रिपोर्ट जारी हो चुकी है, जिसमें शीर्ष पायदान पर उन्नाव ने हैट्रिक लगाई है। इसी तरह बी श्रेणी वाले शहरों में कौशांबी और श्रावस्ती भी लगातार तीसरी बार पहले-दूसरे स्थान पर काबिज हैं, जबकि दो उछाल के साथ फतेहगढ़ ने तीसरी रैंक हासिल की है।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश की स्थिति को सुधारने के लिए सरकार ने सभी 75 जिलों में भी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रतिस्पर्धा शुरू करा दी है। औद्योगिक विकास विभाग द्वारा हर माह इनकी रैंकिंग जारी की जा रही है। इसमें तय समय सीमा में आवेदनों, शिकायतों के निस्तारण के साथ ही उद्यमियों-निवेशकों के फीडबैक के आधार पर अंक दिए जा रहे हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो कुछ शहर लगातार अच्छा कर रहे हैं, जिनकी स्थिति को दूसरे जिले अभी डिगा नहीं पाए हैं। तुलनात्मक रूप से कानपुर, आगरा जैसे शहर बड़े औद्योगिक नगर हैं, लेकिन वह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं, जबकि उनकी तुलना में काफी छोटा शहर होने के बावजूद उन्नाव कमाल कर रहा है।
उन्नाव दो हजार से अधिक आवेदन वाली श्रेणी में जून और जुलाई की तरह ही अगस्त की रैंकिंग में भी शीर्ष पर कायम है। अयोध्या दूसरे पायदान से खिसककर चौथे पर पहुंच गया, जबकि एक-एक सीढ़ी ऊपर चढ़कर बुलंदशहर और सहारनपुर ने क्रमश: दूसरी और तीसरी रैंक प्राप्त की है। एक श्रेणी दो हजार से कम आवेदन की है। इसमें कौशांबी और श्रावस्ती ने लगातार तीसरी बार भी क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर अपनी पकड़ बरकरार रखी है, जबकि कुशीनगर को धकियाकर फतेहगढ़ पांचवें से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।
औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में जिलों की रैंकिंग उन्हें बेहतर औद्योगिक माहौल के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए है। निश्चित रूप से इसमें उन्नाव जिले ने शानदार रिजल्ट दिया है। वह तीसरी बार शीर्ष पर है। बी श्रेणी में यही उपलब्धि कौशांबी और श्रावस्ती ने भी हासिल की है।