केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यकर्ताओं से कहा- हर घर पर हो 'मेरा परिवार, भाजपा परिवार' का तोरण द्वार
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हर बार उत्तर प्रदेश के चुनावों में भाजपा की विजय गाथा की शुरुआत बूथ सदस्यता अभियान से ही होती है। इस बार भी विधान सभा चुनाव से पहले बूथ सदस्यता अभियान शुरू हो रहा है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बूथ सदस्यता अभियान को भारतीय जनता पार्टी की विजय गाथा की शुरुआत बताते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी मिशन 2022 के लिए पार्टी के सदस्यता अभियान का शुभारंभ किया। कार्यकर्ताओं को लक्ष्य दिया कि दिसंबर तक यह अभियान चलेगा। नए सदस्य बनाने में जुट जाएं। प्रदेश के हर घर पर 'मेरा परिवार, भाजपा परिवार' का तोरण द्वार नजर आना चाहिए। विपक्षी दलों पर बिना नाम लिए तंज कसा कि हमारा घोषणा पत्र कोई एनजीओ या सर्वे एजेंसी नहीं बताती। कार्यकर्ता जनता के सुझाव संकलित करेंगे, उसी के आधार पर चुनाव घोषणा पत्र जारी किया जाएगा।
डिफेंस एक्सपो के मैदान में आयोजित सम्मेलन में सदस्यता अभियान का शुभारंभ करने के साथ ही अमित शाह ने 'मोदी-11' मोबाइल एप लांच किया। विभिन्न जिलों के लिए एलईडी प्रचार वाहनों को रवाना किया। उन्होंने कहा कि परिवर्तन की शुरुआत 2014 में हुई थी। तब वह (शाह) प्रदेश प्रभारी थे। 2017 में जब प्रदेश में योगी सरकार बनी तो उस वक्त पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 2019 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फिर से प्रदेश की जनता के आशीर्वाद से प्रधानमंत्री बने और भाजपा को अभूतपूर्व विजय मिली, तब भी वह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हर बार उत्तर प्रदेश के चुनावों में भाजपा की विजय गाथा की शुरुआत बूथ सदस्यता अभियान से ही होती है। इस बार भी विधान सभा चुनाव से पहले बूथ सदस्यता अभियान शुरू हो रहा है। कई लोग पूछते हैं कि यूपी में तो भाजपा की सदस्यता पहले ही बहुत अधिक है तो फिर चुनाव के समय सदस्यता अभियान क्यों? शाह ने कहा कि बाकी पार्टियों के लिए चुनाव सत्ता हथियाने का जरिया है, लेकिन भाजपा के लिए चुनाव लोगों तक पहुंचने का, उनकी समस्याओं और सुझावों को जानने का, सरकार के काम को जन-जन तक पहुंचाने, पार्टी की विचारधारा को घर-घर पहुंचाने का माध्यम होता है।
अखिलेश दें हिसाब, कितने दिन विदेश में रहे : विपक्ष पर निशाना साधते हुए शाह बोले कि लोकतंत्र में सरकारें किसी एक परिवार के लिए नहीं होतीं, बल्कि गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए होती हैं। सपा नेताओं को चुनौती दी कि हमसे हिसाब मांगिए, हम अपने पांच साल के पल-पल का हिसाब यूपी की जनता को देने के लिए कटिबद्ध हैं, लेकिन अखिलेश पहले ये बताएं कि पांच साल में कितने दिन विदेश में रहे। जब प्रदेश की जनता कोरोना महामारी और बाढ़ से जूझ रही थी, तब कहां थे?
शाह के पैने तीर
- पांच साल पहले जो घर में बैठ गए थे, वह चुनावी मेंढक नए कपड़े सिलाकर बाहर निकल आए हैं।
- मेरठ में विश्वविद्यालय होने के बावजूद वहां की बच्चियों को दिल्ली में जाकर रहना पड़ता था। हर गली में एक-दो बाहुबली थे।
- कैराना में पलायन हुआ, तब भी लखनऊ के हुक्मरानों की नींद नहीं टूटी थी।
- जहां रामभक्तों को गोलियों से भूना, वहां बन रहा गगनचुंबी राम मंदिर।
32 मिनट में 17 बार लिया योगी का नाम : अमित शाह ने अपने भाषण के दौरान 32 मिनट में 17 बार योगी का नाम लेते हुए जमकर तारीफ की। कहा कि योगी सरकार ने सबसे बड़ा काम माफिया से प्रदेश को मुक्ति दिलाने का किया है। बेरोजगारी दर घटने, प्रदेश का बजट बढ़ने, ईज आफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में उछाल, अवस्थापना सुविधाओं के विकास आदि का उल्लेख किया।
एक है भाजपा की कथनी और करनी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में एकरूपता है। भाजपा जो कहती है, वो करती है। वर्ष 2014 में देश ने एक अंगड़ाई ली थी। एक नई राष्ट्रीय चेतना का संचार हुआ। दशकों तक वंचित, शोषित और पीडि़त रहे लोगों के जीवन में खुशहाली आई। योगी ने कहा कि 2014 के बाद न केवल शासन की योजनाओं का लाभ इन लोगों तक पहुंचाने का काम हुआ, बल्कि भारत की अस्मिता से जुड़े हुए मुद्दों और मूल्यों की पुनस्र्थापना का भी काम हुआ। गरीब कल्याणकारी योजनाएं हों या फिर भारत की आन-बान-शान, एकता-अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार की गई। शाह का अभिनंदन करते हुए योगी ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण का सपना संजोए हर भारतीय के मन में एक टीस थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गृह मंत्री के रूप में अमित शाह ने अयोध्या विवाद का समाधान कराया। गांव-गांव, जिले-जिले, मंडल-मंडल घूमे और 2014 में प्रदेश प्रभारी के रूप में और फिर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाई। दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में भाजपा को स्थापित किया। सीएम ने कहा कि लाखों कार्यकर्ता प्राण-प्रण से अपना योगदान कर एक बार फिर भाजपा को जीत दिलाएंगे।
सैफई से बनकर आती थी नौकरी की सूची : प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि योगी सरकार आने के बाद युवाओं को बिना रिश्वत के नौकरी मिल रही है। सपा सरकार में नौकरियों की सूची सैफई से बनकर आती थी। उन्होंने कहा कि शाह की कार्यशैली पूर्ण परिणाम पर आधारित है। वह परिणामभेदी लक्ष्य लेकर चलते है। चाहे सामान्य कार्यकर्ता के रूप में बूथों पर गुजरात में संगठन का काम किया हो या फिर उत्तर प्रदेश में 2014, 2017 और 2019 का चुनाव। सभी की रणनीति अमित शाह ने तय की और पार्टी को अपार सफलता मिली। हमारे पास नरेन्द्र मोदी जैसा नेतृत्व, अमित शाह जैसा रणनीतिकार और प्रदेश में योगी जैसा मुख्यमंत्री है। कार्यकर्ता 2017 का परिणाम दोहराने के लिए तैयार हैं।
70 मिनट में खत्म हुई 70 साल पुरानी समस्या : उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि 2014 में क्या कोई कल्पना कर सकता था कि दस सांसद वाली पार्टी को उत्तर प्रदेश से 73 सांसद मिलेंगे? यह मोदी और शाह के कुशल नेतृत्व का नतीजा रहा। इन्हीं के कुशल नेतृत्व में हमने 2017 में प्रचंड बहुमत के साथ प्रदेश में सरकार बनाई। पहले जब हम कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात करते थे तो लोग विश्वास नहीं करते थे। 70 साल की समस्या को गृह मंत्री अमित शाह ने 70 मिनट में खत्म कर दिया।
वन टू थ्री... कश्मीर 370 से फ्री : उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने भी अनुच्छेद 370 का विषय उठाया। बोले कि कोई सोच नहीं सकता था, लेकिन संसद में अमित शाह ने देखते ही देखते जम्मू-कश्मीर से ऐसे अनुच्छेद 370 को हटा दिया कि वन टू थ्री... कश्मीर 370 फ्री। उन्होंने कहा कि हम लगातार एक के बाद एक राज्य का चुनाव जीतते चले गए। उत्तर प्रदेश में आज स्थितियां बदली हैं। चुनाव का सामना करने के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं की फौज तैयार है।
कोई न हो निराश, कभी न कभी मिलता है अवसर : सम्मेलन के बाद गृह मंत्री ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, 2019 लोकसभा चुनाव के क्षेत्रवार संयोजक और प्रभारियों के साथ बैठक की। चूंकि इनमें से कई टिकट की प्रत्याशा में भी थे। शाह ने सभी को संदेश दे दिया कि राम मंदिर, अनुच्छेद 370 हटाने जैसे बड़े फैसलों के लिए लंबे समय तक देश-प्रदेश में भाजपा की सरकार जरूरी है। इसे ध्यान में रखते हुए चुनाव जिताने में जुट जाएं। हर हाल में तीन सौ से अधिक सीटें जीतनी हैं। शाह ने समझाया कि यहां चुनाव लड़ने वाले हैं और चुनाव लड़ाने वाले भी बैठे हैं। किसी को टिकट मिलेगा और किसी को नहीं। कोई भी निराश न हो। कभी-कभी कार्यकर्ता के साथ अन्याय हो जाता है। अपना उदाहरण देते हुए बोले कि उनके साथ भी अन्याय हुआ, लेकिन कभी न कभी अवसर भी जरूर मिलता है। गृह मंत्री ने कहा कि पार्टी ने चुनाव की जिम्मेदारी धर्मेंद्र प्रधान को सौंपी है, वह जो काम बताएं, वह करें। वह खुद सहयोगी के तौर पर आते रहेंगे।