Move to Jagran APP

उत्तर प्रदेश में कई जिलों में बाढ़ से हालात बेकाबू, कई मार्ग डूबे

नेपाल में हो रही भारी बारिश उत्तर प्रदेश के लिए मुसीबत बन गयी है। नदियां बेकाबू हो गयीं हैं। सड़कों पर बाढ़ का पानी भर गया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2016 09:55 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2016 10:06 PM (IST)
उत्तर प्रदेश में कई जिलों में बाढ़ से हालात बेकाबू, कई मार्ग डूबे

लखनऊ (जागरण न्यूज नेटवर्क )। नेपाल में हो रही भारी बारिश उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी मुसीबत बन गयी है। अवध क्षेत्र में नदियां बेकाबू हो गयीं हैं। बलरामपुर-तुलसीपुर के बीच बौद्ध परिपथ पर यातायात रोक दिया गया है। तीन सौ से अधिक स्कूल बंद हो गए हैं और लगभग एक हजार गांव बुरी तरह से प्रभावित हैं। श्रावस्ती में तो कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है।

loksabha election banner

तस्वीरें- शारदा, घाघरा, राप्ती व सरयू मचा रहीं यूपी में तबाही

नेपाल में हो रही बारिश से गोरखपुर-बस्ती मंडल की अधिकतर नदियां उतरा गई हैं। सिद्धार्थनगर में बालक की डूबकर मौत हो गई वहीं बानगंगा, बूढ़ी राप्ती का पानी करीब 300 गांवों में घुस गया है। बांसी में आज सुबह कटे बांध की मरम्मत कर दी गई अन्यथा पानी बांसी कस्बे में घुस गया होता। गोरखपुर में राप्ती खतरे के निशान से ऊपर है। 6 गांवों में पानी घुस गया है। बस्ती और देवरिया में घाघरा नदी खतरे को पार कर गयी है। 6 गांव प्रभावित हैं। कुशीनगर में नारायणी नदी भी खतरे के निशान से नीचे है पर बांध के किनारे की आबादी दहशत में है। महराजगंज में रोहिन और नारायणी के पानी से करीब दो दर्जन गांवों के सिवान में पानी पहुंच गया है।

उत्तर प्रदेश के अन्य समाचार पढऩे के लिए यहां क्लिक करें

बहराइच में घाघरा व सरयू नदी की बाढ़ से सैकड़ों गांव घिरे हैं। नानपारा, महसी व कैसरगंज तहसील में सैलाब का सितम जारी है। घाघरा के उस पार के गांवों के लोग पानी में फंसे हुए हैं। सड़कें डूबने से आवागमन ठप है। श्रावस्ती के भाखला बैराज पर राप्ती लाल निशान से 69 सेमी ऊपर बह रही है। भिनगा व इकौना तहसीलों में तबाही जारी है। हजारों लोग घरों में कैद हो गए हैं। डीएम ने कर्मचारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है।

गोंडा में सरयू व घाघरा दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। 9 लोगों के आशियाने नदी में समा गए हैं। बलरामपुर में राप्ती खतरे से 58 सेमी. ऊपर है। पहाड़ी नालों में भी जबरदस्त उफान है। बलरामपुर-तुलसीपुर के बीच बौद्ध परिपथ पर आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया है। ललिया- महराजगंज तराई मार्ग पर लैबुडडी डिप व खरझार नाले में भी उफान से कई दिन से आवागमन ठप है। गौरा चौराहा- तुलसीपुर मार्ग पर दतरंगवा डिप पर भी आवाजाही ठप है। तीन सौ से अधिक स्कूल बाढ़ के चलते बंद कर दिए गए हैं। नगर क्षेत्र के कई बड़े निजी स्कूल भी बाढ़ ने बंद करा दिये। नगर की ओर बाढ़ का पानी तेजी से बढऩे से लोगों में दहशत है।

फर्रुखाबाद, कन्नौज, हरदोई, कानपुर, उन्नाव तथा फतेहपुर में गंगा उफान पर है। उन्नाव में चेतावनी ङ्क्षबदु के पार पहुंचा गंगा का जलस्तर शुक्रवार को और अधिक उग्र हो गया। आजमगढ़ में घाघरा ने फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है। बलिया और मऊ में घाघरा स्थिर रही। कटान की तेजी में कोई कमी नहीं आने से तटवर्ती लोगों का पलायन जारी है।

सीतापुर में शारदा-घाघरा नदियों के जल स्तर में आज पानी कम होते ही कटान तेज हो गया। लखीमपुर में बारिश ने शारदा व घाघरा का गुस्सा बढ़ा दिया। पलिया में शारदा खतरे से ऊपर है। पलिया व निघासन तहसील के कई गांवों में फसले बाढ़ में डूबी हैं, तो कई रास्तों पर बाढ़ से मुश्किलें हो रही हैं। अंबेडकरनगर में घाघरा खतरे से 30 सेंमी ऊपर है। रायबरेली के डलमऊ में गंगा उफान पर हैं।बरेली में आज झमाझम बारिश के बीच नानक सागर डैम से छोड़े गए पानी से बहगुल नदी का जलस्तर बढऩे की आशंका है। पर खतरे वाली बात नहीं है। पीलीभीत में शुक्रवार को वनबसा बैराज से शारदा नदी में 1 लाख 2 हजार 28 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद पूरनपुर के ट्रांस क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालातहैं। पड़ोसी देश नेपाल की भी नदी व नालों का पानी शारदा में पहुंचने से ट्रांस क्षेत्र के कई गांवों के निचले इलाके जलमग्न हैं। रमनगरा व हजारा क्षेत्र में नदी तेजी से कटान कर रही है। भुजिया गांव में तीन मकान बह गए। देवहुति गंगा में ड्यूनी डाम से पानी छोड़ा गया है। भोर से ही रुक रुक कर रिमझिम दोपहर बाद तक होती रही। बदायूं में गंगा के गुस्साने से सहसवान क्षेत्र और गंगा के तटीय इलाके के ग्रामीण सहमे हैं। शाहजहांपुर में नदियां खतरे के निशान से बहुत नीचे हैं। अलीगढ़ में गंगा खतरे का सबब बन रही है।

मेरठ मंडल में कई जगह मूसलाधार बारिश हुई। बिजनौर में गंगा, रामगंगा समेत सभी बरसाती नदियां उफन गयी हैं। उधर, यमुना की वजह से शामली कैराना के खादर में अलर्ट है। बाढ़ सहारनपुर के घाड़ क्षेत्र में बरसाती नदियां उफान पर हैं और कई गांव का संपर्क कट गया है। कई गांव नदी के बीच में टापू बन गये है। वहीं यमुना का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।

मुरादाबाद मंडल की नदियों में जलस्तर जरूर बढ़ा है पर अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है। अमरोहा जिले के तिगरी में बिजनौर बैराज से एक लाख क्यूसेक पानी और छोड़ेने से गंगा उछल रही है। सम्भल जिले के कई गांवों के खेतों में गंगा का पानी घुस गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.