मैकेनिकल का डिप्लोमा और काम चोरी
जागरण संवाददाता, लखनऊ : एक निजी विश्वविद्यालय से मैकेनिकल का डिप्लोमा कर चुका छात्र गुलाम वारसी
जागरण संवाददाता, लखनऊ : एक निजी विश्वविद्यालय से मैकेनिकल का डिप्लोमा कर चुका छात्र गुलाम वारसी दोस्तों के साथ मिलकर चोरों का गैंग चलाने लगा। वह साथियों के साथ दिन में बंद मकानों की रेकी करता। फिर रात में कार से पहुंचकर वारदात को अंजाम देता था। पुलिस ने आरोपित गुलाम वारसी को उसके दोस्त के साथ गिरफ्तार कर लिया। जबकि फरार दो अन्य चोरों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
तीन दिन पहले गिरोह के लोग ऐशबाग लेबर कॉलोनी में वारदात को अंजाम देते समय सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे। पुलिस ने उनके पास से वारदात में प्रयुक्त कार, चोरी के 14400 रुपये, सरिया, दो पेचकश और प्लास बरामद किया है।
मवैया पुल के नीचे बना रहे थे चोरी की योजना
इंस्पेक्टर बाजारखाला सुजीत कुमार दुबे के मुताबिक पकड़े गए चोरों में गुलाम वारसी निवासी कुर्सी रोड कंचना विहारी मार्ग बेनीगंज, राहुल कुमार शाह निवासी सेक्टर पी अलीगंज हैं। यह दोनों अपने साथी अजुन मिश्रा निवासी आलमबाग धोबीघाट, शनि उर्फ नवीन राजपूत निवासी रहीमनगर, महानगर के साथ मवैया पुल के नीचे चोरी की योजना बना रहे थे। पुलिस टीम ने मौके से उन्हें संदिग्ध समझकर टोका तो वह भागने लगे। इस पर पुलिस ने गुलाम वारसी और राहुल को दबोच लिया। जबकि अनुज और शनि भाग निकले। उक्त लोगों ने 14 फरवरी की रात ऐशबाग स्थित लेबर कॉलोनी में सतीश बाजपेयी के घर वारदात को अंजाम दिया था।
सतीश मोहान रोड स्थित एक निजी विद्यालय में कर्मचारी हैं। उनके घर के पास स्थित मस्जिद के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में उक्त लोग वारदात को अंजाम देते समय कैद हो गए थे। फुटेज के आधार पर ही इन्हें पकड़ा गया है। इसके अलावा कोयला मंडी यहियागंज, जानकीपुरम, आलमबाग और कृष्णानगर में भी उक्त लोग वारदात को अंजाम दे चुके हैं।
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दिन में करते थे रेकी, रात को वारदात
उक्त लोग बंद घरों को टारगेट करते थे। वारदात को अंजाम देने के लिए वह कभी निशातगंज पुल के नीचे, कभी मवैया पुल और कभी ठाकुरगंज में जमा होते थे। इसके बाद चिन्हित किए गए घरों के ताले तोड़कर चोरी करते थे। गुलाम वारसी के पिता अलीमउल्ला लोहा व्यापारी हैं। राहुल के पिता वीरेंद्र की निशातगंज पुल के नीचे चाय की दुकान है। अनुज के पिता रेलवे में टेक्नीशियन हैं। शनि और अनुज कई बार चोरी के मामले में जेल भी जा चुके हैं।
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प्रति वारदात पांच हजार रुपये कार का लेता था भाड़ा
इंस्पेक्टर ने बताया कि वारदात में प्रयुक्त कार गुलाम वारसी की है। गुलाम घटना में कार प्रयुक्त करने के लिए पांच हजार रुपये प्रति वारदात के हिसाब से उसका भाड़ा अलग से लेता था। इसके बाद चोरी के माल का बंटवारा करते थे। शनि चोरी की ज्वैलरी बेचने का काम करता था।