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Kamlesh Tiwari Murder Case: दो और आरोप‍ित गिरफ्तार, हत्‍यारों को नेपाल पहुंचाने में की थी मदद

पकड़े गए आरोपियों के ऊपर 25 हजार रुपये का था ईनाम। नाका थानेे में दर्ज हुआ था गैंगेस्टर के तहत मुकदमा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jun 2020 07:03 AM (IST)
Kamlesh Tiwari Murder Case: दो और आरोप‍ित गिरफ्तार, हत्‍यारों को नेपाल पहुंचाने में की थी मदद
Kamlesh Tiwari Murder Case: दो और आरोप‍ित गिरफ्तार, हत्‍यारों को नेपाल पहुंचाने में की थी मदद

लखनऊ, जेएनएन। ह‍िंदूवादी नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया। इन पर हत्यारोपियों को शह देने और नेपाल पहुंचाने में मदद करने का आरोप था। पकड़े गए आरोपियों के ऊपर 25 हजार रुपये का ईनाम था। नाका थाना पर दोनों के खिलाफ गैंगेस्टर के तहत मुकदमा हुआ था। पुलिस व जांच एजेंसियां कई महीनों से दोनों की तलाश कर रही थी।

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ह‍िंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर को उनके घर पर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या को सूरत के ग्रीन व्यू अपार्टमेंट के अशफाक व मोईनुद्दीन ने अंजाम दिया था। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों ही हत्या के आरोपी लखीमपुर खीरी के पलिया गए थे। वहां मोहम्मद आसिफ रजा व रईस अहमद ने दोनों हत्यारोपियों को शरण दी थी। उनको मोबाइल फोन भी उपलब्ध कराया और नेपाल तक भागने में मदद की थी। मोहम्मद आसिफ और रईस अहमद ने दोनों हत्यारोपियों को रुपये भी दिए थे।

मोहम्मद आसिफ की पलिया में कार एसेसरीज की दुकान है जबकि रईस की मोबाइल की दुकान है। रईस और आसिफ रजा का संपर्क तहरीके तहाफुज्जे सुन्नियत से भी है। जांच एजेंसियों ने कमलेश तिवारी हत्याकांड के बाद बरेली और लखीमपुर में छापेमारी की थी। अशफाक व मोईनुद्दीन को नाटकीय ढंग से गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर यूपी को सौंपा था। दोनों से यूपी पुलिस और जांच एजेंसियों ने जब पूछताछ की तो उन्होंने लखनऊ में हत्या के बाद लखीमपुर के पलिया जाने और वहां से नेपाल पहुंचने की बात कबूली थी। अशफाक व मोईनुद्दीन ने ही बताया था कि उनको पलिया में रईस व मोहम्मद आसिफ ने मदद की थी। जिस मोबाइल फोन से वह अपने घर और कुछ लोगों के संपर्क में था। उसे रईस ने उपलब्ध कराया था। 

18 अक्टूबर 2019 को हुई थी हत्या

लखनऊ के खुर्शेदबाग इलाके में हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की 18 अक्टूबर 2019 को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में गुजरात एटीएस ने तीन लोगों मौलाना मोहसिन शेख सलीम, रशीद अहमद पठान और फैजान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में हत्या करने वालों के नाम सूरत के ही रहने वाले अशफाक और मोइनुद्दीन के नाम सामने आए थे। गुजरात एटीएस ने 22 अक्टूबर को दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। अशफाक ने 2016 से ही कमलेश की हत्या की साजिश रचना शुरू कर दी थी। उसने सूरत के ही रहने वाले युवक मुदस्सिर को कमलेश की हत्या के लिए तैयार कर लिया था। दोनों कमलेश की हत्या के लिए 2017 में लखनऊ आने वाले थे, लेकिन अशफाक की पत्नी को इस बारे में पता चल गया था। 2017 में अशफाक पीलीभीत में अपने गांव गया। यहीं से लौटते वक्त वह लखनऊ होते हुए गया था, लेकिन उसने कमलेश से मिलने का प्रयास नहीं किया। 


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