शाइनसिटी के एकाउंटेंट समेत दो गिरफ्तार, प्लाट और हीरे के व्यवसाय में निवेश के नाम पर ठगी का मामला
कंपनी के निदेशक राशिद नसीम और आसिफ के अलावा 50 से अधिक कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमें दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। उधर इंस्पेक्टर मडिय़ांव ने मामले फरार चल रही कंपनी की की कर्मचारी सीना चंद्रा को गिरफ्तार कर लिया है।
लखनऊ, जागरण संंवाददाता। प्लाट और हीरे के व्यवसाय में निवेश के नाम पर हजारों निवेशकों से हजारों करोड़ ठगने वाली साइन सिटी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के एकाउंटेंट और एक महिला कर्मचारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। एसीपी चौक आइपी सिंह ने बताया कि शकील को ठाकुरगंज क्षेत्र से पकड़ा गया है। शकील शाइन सिटी में एकाउंटेंट का काम करता था। उसने निवेश के नाम पर बड़ी संख्या में लोगों के रुपये जमा कराए थे।
कंपनी के निदेशक राशिद नसीम और आसिफ के अलावा 50 से अधिक कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकदमें दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। उधर, इंस्पेक्टर मडिय़ांव ने मामले फरार चल रही कंपनी की की कर्मचारी सीना चंद्रा को भी गिरफ्तार कर लिया है। सीना चंंद्रा जानकीपुरम सेक्टर बी की रहने वाली है। उसके पित अमित रस्तोगी हैं। सीना भी लंबे समय ले फरार चल रही थी। कंपनी के खिलाफ दर्ज जालसाजी के मुकदमों में फरार चल रहे अन्य आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है। जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी की जाएगी।
फ्रांस में नौकरी दिलाने का झांसा देकर युवती से ठगी :
इंटरनेट मीडिया पर एक जालसाज युवती ने वजीरगंज फातिमा हाउस मस्जिद के पास रहने वाले हसन अकबर से दोस्ती की। इसके बाद उन्हें फ्रांस में नौकरी दिलाने के नाम पर 30 हजार रुपये दो दोस्तों की मदद से ऐंठ लिए। पुलिस ने अज्ञात युवती के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।इंंस्पेक्टर धनंजय पांंडेय ने बताया कि हसन अकबर के मुताबिक कोविड काल में उनकी नौकरी छूट गई थी। इस बीच इंटरनेट मीडिया के माध्यम से युवती से उनकी दोस्ती हुई। युवती ने कहा कि वह फ्रांस मेंं रहती है उसका नाम डोविना रेचल है। इसके बाद उसने नौकरी का झांसा दिया। दस्तावेज आनलाइन ले लिए। एक एजेंंट से बात करने को कहा।
एजेंंट ने रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक खाते में नौ हजार रुपये डलवाए। उसके बाद युवती ने दूसरे एक व्यक्ति का नंंबर दिया। उसने बात कर वीजा और कुछ अन्य दस्तावेजों के नाम पर 21 हजार रुपये एक बैंक खाते में डलवा लिए। हफ्ते भर के अंदर वीजा देने को कहा। एक माह गुजर गया। वीजा नहीं आया। इसके बाद फेसबुक से संपर्क करने का प्रयास किया पर नहींं हो सका। उन नंबरोंं पर फोन किया वह स्विच आफ मिले। ठगी का पता चलने पर तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। इंस्पेक्टर ने बताया कि रुपये हरियाणा और बेंग्लूरू के दो बैंक खातों में ट्रांसफर हुए हैं।