Lucknow Nagar Nigam: बीस अरब 50 करोड़ रुपये का पुनरीक्षित बजट पास, जानिए बजट की खास बातें
वार्ड विकास निधि की चौथी किश्त जारी न होने पर पार्षदों ने विरोध जताया। विषक्षी पार्षद बैठक कक्ष में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि बैठक समाप्ति के साथ ही राष्ट्रगान होने से विरोध हो नहीं सका।
लखनऊ, जेएनएन। चालू वित्तीय वर्ष के लिए नगर निगम और जलकल का पुनरीक्षित बजट बिना किसी शोर-शराबे के बुधवार को पास हो गया। नगर निगम के सभागार में महापौर की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति की बैठक में पुनरीक्षित बजट पर मुहर लगा दी गई। बजट में किसी नए कर और कर में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं था। महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी की मौजूदगी में हुई बैठक में कुछ मुद्दों पर विरोध भी दिखा, लेकिन यह मुद्दे कार्यकारिणी बैठक को जारी एजेंडे से बाहर था। पुनरीक्षित बजट में अधिष्ठान मद को बढ़ाया गया है, जिसमे प्रधान कार्यालय का अधिष्ठान पर दो करोड़ रुपये से बढ़ाते हुए 32 करोड़ रुपये, सभी जोनल कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर सात करोड़ रुपये बढ़ाते हुए 77 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
ये हुए निर्णय
- कंप्यूटराइजेशन मद में 50 लाख रुपये का खर्च नए सॉफ्टवेयर बनाने पर होगा
- संविदा सफाई कर्मचारियों का मानदेय 308.50 रुपये प्रतिदिन होगा
- स्वच्छता और कूड़ा उठान पर जोर, पेट्रोल डीजल खर्च में सात करोड़ की वद्धि की गई। इसमे डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए बढ़ाई गई गाडिय़ों के ईंधन पर खर्च होगा।
- जलकल के अट्ठाइस लाख फायदे का पुनरक्षित बजट हुआ पास
- कार्यकारिणी समिति में जलकल विभाग का पुनरक्षित बजट आंशिक परिवर्तन के साथ 28 लाख रुपये के लाभ के साथ 1.72 अरब रुपये का पुनरक्षित बजट पास किया गया।
चौथी किश्त जारी न होने पर हंगामा
वार्ड विकास निधि की चौथी किश्त जारी न होने पर पार्षदों ने विरोध जताया। विषक्षी पार्षद बैठक कक्ष में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। हालांकि बैठक समाप्ति के साथ ही राष्ट्रगान होने से विरोध हो नहीं सका। महापौर संयुक्ता भाटिया ने वार्ड विकास निधि की चौथी किश्त जारी करने के विपक्ष द्वारा किए गए विरोध को बेवजह का विवाद बताया। महापौर ने बताया कि वार्ड विकास निधि को स्वत ही जारी होगी। इस पर सदन निर्णय ले चुका है, जो जनवरी के प्रथम सप्ताह में जारी हो जाएगी। नगर निगम के अधिकारियों ने भी तर्क दिया कि अभी पुरानी देनदारी खत्म नहीं हो रही है तो नई देनदारी बनाए जाने का कोई औचित्य नहीं होता है।
महापौर बनवाएंगी गुरु तेग बहादुर द्वार
महापौर संयुक्ता भाटिया ने यहियागंज में यहियागंज गुरुद्वारे के पास गुरु तेग बहादुर स्मृति द्वार को महापौर निधि से बनाए जाने के प्रस्ताव कार्यकारिणी समिति ने सर्वसम्मति से पास कर दिया।
साहेबजादे पार्क के लिए महापौर कराएंगी सभी बधाए दूर
सिख समाज के दशम गुरु गुरुगोबिंद सिंह के छोटे साहिबजादों की महान शहादत को समॢपत करते हुए महापौर संयुक्ता भाटिया की ओर से आलमबाग गुरुद्वारे के पास साहेबजादे पार्क बनवाने हेतु प्रस्ताव पास किया गया। इसमे आ रही बाधाओ को दूर करने के लिए भी महापौर ने नगर आयुक्त को निर्देशित किया।
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कोई बदलाव नहीं
- नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के मूल बजट के आय-व्यय कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन कुछ मदों में कटौती और वृद्धि कर बजट को संतुलित किया गया है।
- नगर निगम ने पुनरीक्षित बजट में 11 अरब, 16 करोड़ बीस लाख रुपये के खर्च और आय मद में 11 अरब, सोलह करोड़, 95 लाख रुपये का प्रावधान किया है।
बजट की खास बातें
- केंद्रीय अमृत योजना से होने वाली आय को पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर दस करोड़ रुपये किया गया
- स्वच्छ भारत मिशन से 15 करोड़ की आय रखी गई। इसमे पांच करोड़ की वृद्धि की गई है।
- डिपाजिट मद से समग्र विकास निधि, नई नगरीय सड़क योजना, अंत्येष्टि स्थल का सुंदरीकरण 1.50 अरब की आय प्रस्तावित की गई है, मूल बजट में 7.50 करोड़ की आय रखी गई थी
इन योजनाओं को भी मिलेगा बजट
- शहर के विभिन्न इलाकों में नए कल्याण मंडपों के निर्माण पर दस लाख रुपये खर्च होंगे।
- नए विद्युत शवदाह गृह बनाने के लिए दस लाख रुपये का बजट रखा गया है।
- वेंडिंग जोन में सुविधाओं को बढ़ाने पर दस लाख रुपये खर्च होंगे।
- नगर निगम के अमीनाबाद इंटर कॉलेज व अन्य में स्मार्ट क्लासेज बनाने पर दस लाख रुपये का बजट रखा गया।
- ठंड को देखते हुए अस्थाई रैन बसेरों का निर्माण कराया जाएगा, जिस पर दस लाख रुपये का बजट रखा गया है।
- लखनऊ शहर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद को ताजा रखने के लिए अटल स्मृति उपवन का निर्माण होगा, जिस पर तीस लाख रुपये का खर्च होगा और पुनरीक्षित बजट में इसे भी शामिल किया गया है।
बजट सील पर हंगामा
निर्माण कार्यों को मंजूरी देने के लिए पत्रावली पर लगाई जाने वाली बजट सील पर भी हंगामा हुआ। बजट सील को लेखा विभाग से लेकर अभियंत्रण विभाग को दिया गया है। कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष रजनीश गुप्ता ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि बजट सील लेखा विभाग के पास ही रहनी चाहिए, लेकिन नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने साफ कर दिया कि कुछ भी अधिनियम में नहीं है कि बजट सील लेखा विभाग के पास ही रहे। उन्होंंने कहा कि यह कार्यकारिणी समिति की बैठक का एजेंडा नहीं है।
जोनल अधिकारी की तैनाती पर विवाद
कर अधीक्षक दिलीप कुमार श्रीवास्तव को जोनल अधिकारी एक बनाए जाने पर कुछ पार्षदों ने विरोध किया तो नगर आयुक्त ने कहा कि यह उनका निर्णय है और कार्यकुशलता देखकर ही अधिकारी को तैनात किया जाता है।