PGI में ब्लड सप्लाई रोककर की गई ट्यूमर की सफल सर्जरी Lucknow News
पीजीआइ उत्तर भारत का पहला अस्पताल जहां संभव है यह सर्जरी।
लखनऊ, जेएनएन। उरई निवासी देवेंद्र (23) को पैर में बार-बार पडऩे वाले मवाद की परेशानी से निजात मिल गई। संजय गांधी पीजीआइ के डॉक्टरों ने रक्तवाहिका के ट्यूमर को ब्लड सप्लाई रोककर निकाल दिया। देवेंद्र बायें पैर की अंगुली में वेस्कुलर मैलफारमेशन की परेशानी के कारण एक साल से परेशान था। बार-बार इंफेक्शन से मवाद पड़ जाता, जिससे चलना-फिरना मुश्किल हो जाता था।
संस्थान के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवाल और इंटरवेशन रेडियोलाजिस्ट प्रो. रघुनंदन ने वेस्कुलर मैलफारमेशन सर्जरी आफ्टर क्वायलिंग तकनीक के जरिए देवेंद्र को लगभग ठीक कर दिया है। इस तकनीक के जरिए वेस्कुलर मैलफारमेशन की सर्जरी करने वाला उत्तर भारत का पहला संस्थान बन गया है। प्रो. राजीव के मुताबिक जिस अंग में वेस्कुलर ट्यूमर होता है वहां मांसपेशी, हड्डी भी बड़ी हो जाती है जिससे परेशानी होती है। ओपीडी में हर महीने दो से तीन मामले ऐसे आते हैं।
उन्होंने बताया कि रक्तवाहिका में ट्यूमर बन जाने केकारण यह परेशानी होती है। ट्यूमर में अधिक रक्त प्रवाह होने के कारण सामान्य तौर पर सर्जरी संभव नहीं होती। चीरा लगाते ही खून का फव्वारा निकलने लगता है। ऐसे में रक्त प्रवाह रोकना जरूरी होता है। इटरवेंशन रेडियोलॉजिस्ट ट्यूमर को खून सप्लाई करने वाली नस में क्वायल लगा कर रक्त प्रवाह को कम किया। क्वायल लगाने के 24 घंटे बाद ट्यूमर की सर्जरी की गई। इस तकनीक को हम लोगों ने स्थापित कर लिया है।
इंटरवेंशन रेडियोलॉजिस्ट व प्लास्टिक सर्जन का साथ जरूरी
प्रो.राजीव अग्रवाल का कहना है कि इस तकनीक में प्लास्टिक सर्जन के साथ इंटरवेंशन रेडियोलॉजिस्ट का सामंजस्य जरूरी है। वेस्कुलर मैलफारमेशन शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। शरीर के किसी भी अंग में गांठ हो तो तुरंत संपर्क करना चाहिए।