अयोध्या में ट्रस्ट के सदस्यों ने महंत नृत्यगोपालदास से लिया आशीर्वाद
अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र ने शुक्रवार को सायं मणिरामदास जी की छावनी पहुंच महंत नृत्यगोपालदास से भेंट की।
अयोध्या, जेएनएन। राममंदिर निर्माण के लिए नवगठित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल किए गए अयोध्या राज परिवार के मुखिया बिमलेंद्रमोहन मिश्र ने शुक्रवार को सायं मणिरामदास जी की छावनी पहुंच महंत नृत्यगोपालदास से भेंट की। महंत ने उन्हें अंगवस्त्र प्रदान कर ट्रस्ट में शामिल होने की बधाई दी। इससे पूर्व ट्रस्ट के एक अन्य सदस्य डॉ. अनिल मिश्र भी शुक्रवार को पूर्वाह्न मणिरामदास जी की छावनी पहुंचे। उन्होंने छावनी के महंत एवं रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास सहित उनके उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास से आशीर्वाद लिया।
यह जताया कि पूर्व की तरह महंत नृत्यगोपालदास ही राममंदिर के संदर्भ में सर्वोच्च किरदार हैं। ट्रस्ट के स्वरूप को लेकर संतों की नाराजगी के बीच अयोध्या राज परिवार के मुखिया एवं डॉ. मिश्र का छावनी पहुंचना अहम माना जा रहा है। इस बीच विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र ङ्क्षसह पंकज भी मणिरामदास जी की छावनी पहुंचे और कमलनयनदास से बंद कमरे में वार्ता की। इस मौके पर संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैयादास, विधायक वेदप्रकाश गुप्त एवं रामचंद्र यादव ने भी महंत नृत्यगोपालदास से भेंट की।
बिमलेंद्र मिश्र ने किया रामलला का दर्शन
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में शामिल किए गए अयोध्या के पूर्व राजा बिमलेंद्रमोहन मिश्र ने शुक्रवार को प्रथम बेला का रामलला का दर्शन किया। उन्होंने रेजीडेंट मजिस्ट्रेट के साथ रामजन्मभूमि अधिग्रहीत परिसर का जायजा भी लिया। गौरतलब है कि मिश्र के पास अधिग्रहीत परिसर की भूमि का भी चार्ज है और अधिग्रहीत परिसर का जायजा मंदिर निर्माण की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
पहली किस्त के रूप में दो करोड़ देंगे
राममंदिर की दोवदारी कामयाब बनाने वालों में अहम पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं पटना स्थित महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल शनिवार को पटना से अयोध्या पहुंच रहे हैं। वे अयोध्या में अपने एक अन्य आध्यात्मिक-सांस्कृतिक केंद्र रामजन्मभूमि के ही करीब अमावा राम मंदिर में हजारों रामभक्तों को नित्य नि:शुल्क भोजन भी कराते हैं। वे पूर्व घोषणा के अनुरूप राममंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट को पहली किस्त के रूप में दो करोड़ की राशि सौंपेंगे। वे मंदिर निर्माण के लिए पांच साल में 10 करोड़ रुपये देंगे।