Learner License: बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में शुरू हुआ लर्नर लाइसेंस का ट्रायल, लाइव हुई व्यवस्था
लर्नर लाइसेंस घर बैठे प्राप्त करने की योजना बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में सोमवार से लाइव हो गई है। ट्रायल शुरू हो गया है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इसके बाद प्रदेश के अन्य संभागीय और सहायक संभागीय परिवहन कार्यालयों में इसे लागू कर दिया जाएगा।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। घर बैठे लर्नर लाइसेंस प्राप्त करने की योजना बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में सोमवार से लाइव हो गई है। ट्रायल शुरू हो गया है। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इसके बाद प्रदेश के अन्य संभागीय और सहायक संभागीय परिवहन कार्यालयों में इसे लागू कर दिया जाएगा।ट्रायल के बाद इस महत्वाकांक्षी योजना के शुरू होने से भ्रष्टाचार को लेकर आरटीओ कार्यालयों पर उंगलियां उठनी कम हो जाएंगी। साथ ही आवेदकों को लर्नर लाइसेंस बिना किसी दलाल के पचडे़ में पड़े आसानी से घर बैठे बन सकेगा। पोर्टल अपडेट कर लाइव कर दिया गया है। परीक्षण के दौरान अगर खामियां आती हैं तो इसे दूर किया जाएगा। इससे लर्निंग लाइसेंस के आवेदकों को बड़ी राहत मिलेगी। आवेदन, फीस जमा करने और परीक्षा सभी कुछ आवेदकों को ऑनलाइन करना होगा।
योजना से होगा आवेदकों को ये लाभ
- आवेदक को नहीं जाना पड़ेगा आरटीओ
- आवेदक अपनी पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन करेंगे।
- आधार से लिंक होने के कारण आवेदक का पूरा चंद पलों में सामने आएगा।
- इससे पड़ताल आसानी से ऑनलाइन पूरी हो जाएगी।
- फीस जमा करने, सिग्नेचर अपलोड किए जाने, स्लॉट लेने और फीस जमा करने समेत पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रहेगी।
ऑनलाइन उपलब्ध होगा टयूटोरियल
- परीक्षा से पहले टयूटोरियल ऑनलाइन उपलब्ध होगा। वीडियो के रूप में आवेदक कुछ देर के लिए इसे देख सकेंगे।
- आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदक को ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी।
- ऑनलाइन परीक्षा में आवेदक से 16 प्रश्न पूछे जाएंगे।
- नौ को सही हल करना जरूरी होगा।
- उसके बाद ही वह पास होगा।
- एआरटीओ के अप्रुवल के बाद आवेदक अपने लर्नर लाइसेंस का प्रिंट घर बैठे ही निकाल सकेंगे।
एआरटीओ मुख्यालय के हिमांशु जैन ने बताया कि एनआइसी ने पोर्टल को अपग्रेड करने के साथ ही ट्रायल के लिए उसे लाइव कर दिया है। परीक्षण पूरा होते ही उसे सूबे के अन्य जिलों में लाइव कर दिया जाएगा।
1090 चौराहे से शुरू की गईं इलेक्ट्रिक बसों का ट्रायल पूरा हो गया है। अब बनाई गई तकनीकी कमेटी अपनी रिपोर्ट जल्द सौंपेगी। उच्चाधिकारियों के निर्णय के बाद फैसला पक्ष में आते ही बसों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।सिटी ट्रांसपोर्ट के प्रबंध निदेशक पल्लव बोस ने बताया कि रिपोर्ट पर मुहर लगते ही राजधानी को नई ई- बसें मिलना शुरू हो जाएंगी।