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एक्सचेंज की महंगी बिजली में हो रही जबरदस्त मुनाफाखोरी, निजी घरानों ने तीन दिन में 840 करोड़ कमाया

एनर्जी एक्सचेंज की महंगी बिजली से उत्तर प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था तो काफी हद तक पटरी पर आ गई है लेकिन इंडियन एनर्जी एक्सचेंज आदि की 20 रुपये यूनिट तक की बिजली पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने गंभीर सवाल उठाए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 15 Oct 2021 07:45 PM (IST)Updated: Fri, 15 Oct 2021 07:45 PM (IST)
एक्सचेंज की महंगी बिजली में हो रही जबरदस्त मुनाफाखोरी, निजी घरानों ने तीन दिन में 840 करोड़ कमाया
एक्सचेंज की महंगी बिजली में हो रही जबरदस्त मुनाफाखोरी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। एनर्जी एक्सचेंज की महंगी बिजली से उत्तर प्रदेश की बिजली आपूर्ति व्यवस्था तो काफी हद तक पटरी पर आ गई है, लेकिन इंडियन एनर्जी एक्सचेंज आदि की 20 रुपये यूनिट तक की बिजली पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उपभोक्ता परिषद का दावा है कि निजी घरानों ने कोयले की किल्लत से पैदा हुए हालात में महंगी बिजली बेचकर जबरदस्त मुनाफाखोरी की है। मात्र तीन दिन में ही 840 करोड़ रुपये की कमाई निजी घरानों द्वारा की गई है। सिर्फ यूपी से ही 80 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया गया है।

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मुनाफाखोरी खत्म करने के साथ ही महंगी बिजली पर सीलिंग लगाने संबंधी उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखा है। केंद्रीय मंत्री से पूरे प्रकरण पर विचार कर जनहित में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने का अनुरोध किया गया है।

दरअसल, कोयले की कमी से राज्य के कई तापीय बिजली घरों का पिछले दिनों उत्पादन ठप हो गया था। चार हजार मेगावाट से ज्यादा का उत्पादन घटने की दशा में तय शेड्यूल से बिजली आपूर्ति न होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में बैठक की थी। मुख्यमंत्री ने शाम छह से सुबह सात बजे तक बिजली आपूर्ति के साथ ही शेड्यूल से बिजली देने के निर्देश दिए थे। इस पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज सहित अन्य से औसतन 17 रुपये प्रति यूनिट की दर से अब तक लगभग 80 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी है।

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने एक्सचेंज की 20 रुपये यूनिट तक की बिजली पर गुरुवार को ऊर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात की। वर्मा ने कहा कि महंगी बिजली खरीदने का खामियाजा अंतत उपभोक्ताओं को ही भुगतना पड़ेगा। परिषद अध्यक्ष ने मंत्री को प्रस्ताव सौंपते हुए कहा कि एनर्जी एक्सचेंज व अन्य सात से 20 रुपये में प्रतिदिन लगभग 350-360 मिलियन यूनिट बिजली बेच रहे हैं। औसतन 15 रुपये की दर से बेची जा रही बिजली की वास्तविक लागत 6 रुपये यूनिट से भी कम है। इस तरह से आठ रुपये यूनिट की दर से मुनाफा कमाया जा रहा है।

पिछले तीन दिनों में ही एक्सचेंज पर निजी घरानों ने लगभग 840 करोड़ का मुनाफा कमाया जबकि कानूनन बिजली ट्रेडिंग पर चार पैसा प्रति यूनिट से ज्यादा नहीं कमाया जा सकता है। मुनाफाखोरी होने से ही इधर इंडियन एनर्जी एक्सचेंज का शेयर लगभग 143 रुपये बढ़ा है। वर्मा का कहना है कि महंगी बिजली से आम जनता की बिजली दरें बढ़ेंगी जबकि निजी घराने मालामाल हो रहे हैं। इस पर अंकुश जरूरी है। ऊर्जा मंत्री ने परिषद के प्रस्ताव को अपने पत्र के साथ केंद्रीय ऊर्जामंत्री को भेजा है। शर्मा ने पत्र में एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी पर सीलिंग लगाने संबंधी उपभोक्ता परिषद की मांग पर जनहित में जल्द विचार करने की बात कही है।

34 करोड़ से ज्यादा की खरीदी गई बिजली : तय शेड्यूल के अनुसार प्रदेशवासियों को बिजली आपूर्ति करने के लिए गुरुवार को पावर कारपोरेशन ने एनर्जी एक्सचेंज से शाम तक 21 एमयू बिजली औसतन 16.50 रुपये की दर से 34.82 करोड़ रुपये में खरीदी। उल्लेखनीय है कि बुधवार को 19.20 रुपये यूनिट की दर से कुल 63 करोड़ रुपये से 27 एमयू बिजली खरीदी गई थी। अतिरिक्त बिजली खरीदने पर भी गांव को 18 घंटे के बजाय 17.29 घंटे ही बिजली आपूर्ति संभव हो सकी। विदित हो कि कोयले की कमी के चलते अभी भी कई बिजली घरों की यूनिटें या तो बंद हैं या फिर कम क्षमता पर चल रही हैं।


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