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घायलों के इलाज को कैशलेस ट्रीटमेंट फंड जल्द, हो सकता है एक्ट में संशोधन

हादसों में गंभीर रूप से घायल लोगों का अस्पताल में पैसा न जमा हो पाने के कारण समय से इलाज नहीं हो पाता है और चिकित्सालय गंभीर घायलों को भर्ती करने में आनाकानी करते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 05:01 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 06:01 AM (IST)
घायलों के इलाज को कैशलेस ट्रीटमेंट फंड जल्द, हो सकता है एक्ट में संशोधन
घायलों के इलाज को कैशलेस ट्रीटमेंट फंड जल्द, हो सकता है एक्ट में संशोधन

लखनऊ, (नीरज मिश्र)। परिवहन विभाग हादसों में गंभीर घायलों के लिए बहुत जल्द कैशलेस ट्रीटमेंट फंड बनाने जा रहा है। सरकार की मंशा है कि हादसों के दौरान गंभीर घायलों को खतरे यानी गोल्डेन आवर्स में समय से अस्पताल पहुंचा उसका कैशलेस इलाज शुरू कराया जा सके जिससे उसकी जान बचाई जा सके। इसके लिए बाकायदा मोटर वेहिकिल एक्ट में नया संशोधन इसी वित्तीय वर्ष में किया जा सकता है। परिवहन विभाग ने आई गाइड को देखते हुए शासन को पत्र लिख दिया है।

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हादसों में गंभीर रूप से घायल लोगों का अस्पताल में पैसा न जमा हो पाने के कारण समय से इलाज नहीं हो पाता है और चिकित्सालय गंभीर घायलों को भर्ती करने में आनाकानी करते हैं। हादसे का शिकार गंभीर व्यक्ति के लिए यह समय गोल्डेन आवर्स होता है। ऐसे में अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। इसे देखते हुए कैशलेस ट्रीटमेंट व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके लिए बाकायदा एक फंड बनाया जाएगा जिससे हादसे के शिकार गंभीर लोगों को समय से तत्काल निश्शुल्क उपचार की व्यवस्था कराई जा सके। इससे निजी अस्पताल रेफर पद्धति का बहाना बना घायल को रेफर कर पल्ला नहीं झाड़ सकेंगे।

गुड सेमिरिटन की धनराशि पर भी जल्द विचार

हादसों के दौरान घायलों की मदद करने वाले गुड सेमिरिटन यानी अच्छे नागरिक को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने दो हजार की धनराशि देने पर विचार किया था लेकिन अभी तक इस पर निर्णय नहीं हो सका है। इस मामले में भी जल्द ही फैसला लिया जाएगा जिससे अधिक से अधिक लोग मदद के लिए प्रोत्साहित हों।

'हादसों के दौरान अक्सर गंभीर रूप से चोटिल व्यक्ति को गोल्डेन आवर्स में इलाज की सबसे अहम जरूरत होती है। पैसा न होने के कारण अस्पताल प्रशासन हीला-हवाली करते हैं। सरकार की मंशा है कि कैशलेस इलाज की व्यवस्था दी जाए जिससे अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके। इसे देखते हुए ट्रीटमेंट फंट बनाया जा रहा है।'  -धीरज साहू, परिवहन आयुक्त


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