Raebareli COVID-19 News: खेत में सड़ रहे टमाटर, मुनाफे की फसल पर पड़ रही लॉकडाउन की मार
शादी समारोहों के लिए गाइड लाइन जारी होने के बाद बाजार में इसकी मांग कम हो गई। कारण जहां सौ-पांच सौ की भीड़ होती थी वह अब 50 तक सीमित रह गई। पांच रुपये किलो में टमाटर बेचने पर सिर्फ नुकसान ही हो रहा है।
रायबरेली, जेएनएन। सोचा था टमाटर की फसल से अच्छा मुनाफा कमाकर धूमधाम से बेटी की शादी करेंगे, मगर ऐसा हो न सका। शादी समारोहों के लिए गाइड लाइन जारी होने के बाद बाजार में इसकी मांग कम हो गई। कारण जहां सौ-पांच सौ की भीड़ होती थी, वह अब 50 तक सीमित रह गई। पांच रुपये किलो में टमाटर बेचने पर सिर्फ नुकसान ही हो रहा है। ऐसे हालात में किसान ने खेत में टमाटर सड़ने के लिए छोड़ दिए। ये हाल सिर्फ एक किसान का नहीं है बल्कि लॉकडाउन और आयोजनों पर लगी रोक की वजह से हर किसान का है।
पूरे त्रिभुवन गांव के रामदेव ने बताया कि वे रूप से सब्जियों की खेती करते रहे हैं। गत वर्षाें में इन्होंने टमाटर की फसल से अच्छा मुनाफा कमाया। यही वजह रही कि उन्होंने इसका रकबा दो बीघे से बढ़ाकर छह बीघे कर दिया। अच्छी फसल तो तैयार हो गई, मगर टमाटर के थोक के दाम गिरकर पांच रुपये हो गए। किसान इस बात से हैरान परेशान है कि अब वह बेटी की शादी कैसे करेगा। 13 मई को बरात आनी है और खेत में टमाटर सड़ रहे हैं। पूरा परिवार परेशान है कि आगे पैसों का बंदोबस्त कैसे होगा। इसी गांव के रमाकांत, विजयकांत और रामेश्वर आदि ने भी टमाटर के साथ ही फूल गोभी, बंद गोभी की फसल तैयार की। ये सब भी परेशान हैं कि सब्जियों का क्या करें। सही दाम न मिलने के कारण ये सब्जियां भी खेतों में ही पड़ी हैं।
शादी समारोह में 50 या 100 लोगों की संख्या निर्धारित किए जाने के कारण बाजार में सब्जियों की मांग बहुत ज्यादा घट गई। साथ ही बाजारों में ग्राहकों की आमद कम होने के नाते भी बिक्री प्रभावित हुई है। इसका सीधा खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि इस बार सब्जियों की खेती घाटे का सौदा साबित हो रही।