Navratri 2020: कोरोना का संहार और नारी शक्ति के सम्मान का आह्वान करेंगी मां भवानी
Navratri 2020 आज पंडालों में स्थापित होंगी प्रतिमाएं नहीं होगा आंनदोत्सव। बंगली क्लब में प्रतिमा आ गई है। इस बार नहीं होगी ढाक प्रतियोगिता। नारी शक्ति का प्रतीक गुलाबी पंडाल बनेगा तो दूसरी ओर कोरोना का संहार करती मां दुर्गा का कटआउट भी लगाया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। Navratri 2020: कोरोना संक्रमण को संहार करने और नारी शक्ति के सम्मान के आह्वान की थीम पद आधारित छावनी दुर्गा पूजा कमेटी में बुधवार को प्रतिमा की स्थापना कर दी जाएगी। प्रवक्ता निहार डे ने बताया कि कोरोना संक्रमण के प्रतिबंधों के बीच कमेटी के लोगों को दर्शन सुविधा दी जाएगी। नारी शक्ति का प्रतीक गुलाबी पंडाल बनेगा तो दूसरी ओर कोरोना का संहार करती मां दुर्गा का कटआउट भी लगाया जाएगा।
दुर्गा पूजा कमेटियों की ओर से बुधवार को प्रतिमाओं की स्थापना और बोधन किया जाएगा और गुरुवार से पूजन शुरू होगा। बंगली क्लब में प्रतिमा आ गई है। शहर की सबसे पुरानी बंगाली क्लब की पूजा इस बार छोटे स्तर पर होगी। क्लब के अध्यक्ष अरुण बनर्जी ने बताया कि छह फीट की प्रतिमा लाई गई है। शारीरिक दूरी के साथ दर्शन का इंतजाम होगा। बुधवार को बोधन होगा। आनंदोत्सव व भोग प्रसाद जैसे आयोजन नहीं होंगे। आशियाना में कलश स्थापना होगी।
संयोजक बी घोष ने बताया कि सुरक्षा के चलते खजाना मार्केट के पास मंदिर में कलश स्थापना के साथ छोटा आयोजन होगा। बादशाहनगर दुर्गा पूजा कमेटी की संयोजक प्रिया सिन्हा ने बताया कि इस बार बाहर नहीं हाल में चार फीट की प्रतिमा के साथ पूजन होगा। आनंद मेला नहीं होगा। बुधवार को प्रमिमा आएगी, लेकिन पूजन गुरुवार से शुरू होगा। रवींद्रपल्ली, विकासनगर, भूतनाथ, सहारा स्टेट, लालबाग, सिंधी विद्यालय व मॉडल हाउस सहित अन्य कमेटियों की ओर से छोटे स्तर पर पूजन होगा। टांसगोमतीनगर दुर्गा पूजा दशहरा कमेटी के तुहिन बनर्जी ने बताया कि अलीगंज के चंद्रशेखर पार्क के सामने श्रीनाथ हाल में आयोजन होगा। प्रतिमा आ गई है। बुधवार को भूमि पूजन के साथ स्थापना होगी।
नहीं होगी ढाक प्रतियोगिता
नवरात्र की नवमी के दिन घसियारी मंडी स्थित काली बाड़ी मंदिर में हर साल ढाक प्रतियोगिता होती थी। कोरोना संक्रमण की वजह से जहां ढाकिए आने से कतरा रहे हैं तो दूसरी ओर जो आना भी चाहते हैं उन्हें आने की सुविधा नहीं मिल रही है। सीमित ट्रेन होने की वजह से आरक्षण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में इस बार प्रतियोगिता नहीं होगी। मंदिर समिति के अध्यक्ष गौतम भट्टाचार्य ने बताया कि इस बार पंडाल छोटे होने के साथ ही आयोजन नहीं किए जा रहे हैं। कलश स्थापना व मां की छोटी प्रतिमा को स्थापित कर पूजन किया जाएगा। ढाकिए भी नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में प्रतियोगिताएं नही होंगी। हर साल करीब 100 से 150 ढाकिए राजधानी में आते थे। पूजा कमेटियों को ही ढाकिए नहीं मिल रहे हैं। काली बाड़ी मंदिर में कोलकाता के चंदरनगर की लाइटें भी नहीं लगेंगी।