अयोध्या के सरयू घाट पर पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद, बेटे ने दी मुखाग्नि; अंतिम दर्शन को उमड़ा जन सैलाब
नक्सली हमले में शहीद हुए रामनगरी के सपूत का राजकुमार यादव का पार्थिव शरीर सोमवार देर रात पहुंचा। बेटे का पार्थिव शरीर देख मचा कोहराम। पार्थिव शरीर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार को सरयू घाट ले जाया गया। योगी सरकार ने शहीद परिवार को दिए 50 लाख।
अयोध्या, जेएनएन। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए रामनगरी के सपूत का राजकुमार यादव का पार्थिव शरीर मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गया। सरयू तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि उनके 13 वर्षीय पुत्र शिवम ने दी। इस मौके पर शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का ताता लगा रहा। उन्हें अंतिम प्रणाम करने वालों में सभी वर्गों के लोग शामिल रहे। मुखाग्नि से पूर्व शहीद जवान को सीआरपीएफ की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान जवानों की संगीनों ने आग उगल कर नक्सलियों को चेतावनी भी दी कि राजकुमार जैसे शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
दरअसल, शहीद जवान का पार्थिव शरीर बीती रात करीब 1:30 बजे उनके रानोपाली स्थित आवास पर लाया गया। आधी रात के बावजूद बड़ी संख्या में लोग उन्हें नमन करने के लिए उमड़े। सुबह 7:00 बजे शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके आवास के सामने से एक बड़े मैदान में ले जाया गया। यहां सीआरपीएफ के बड़े अधिकारियों सहित मंडलायुक्त एमपी अग्रवाल, जिलाधिकारी अनुज कुमार झा आदि ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद जवान को नमन किया। करीब 8:30 बजे सीआरपीएफ के वाहन पर उनका पार्थिव शरीर रखकर अंतिम यात्रा निकाली गई। अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल रहे। इनमें महापौर ऋषिकेश उपाध्याय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे पवन आदि भी रहे। शहीद जवान की अंतिम यात्रा पर जगह जगह पुष्प वर्षा भी की गई। तपस्वी जी की छावनी के महंत परमहंस दास ने पुष्प वर्षा से पूर्व उन रास्तों पर फूल बिछाए जिनसे शहीद जवान की अंतिम यात्रा गुजरी । शहीद जवान के परिवार में कैंसर पीड़ित बुजुर्ग मां दो भाई पत्नी एवं 13 तथा 10 वर्ष के दो बेटे हैं ।
योगी सरकार ने शहीद परिवार को दिए 50 लाख: उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीर गति को प्राप्त शहीद के परिवार को 50 लाख भेंट किए। इसमें से 35 लाख शहीद की पत्नी वह 15 लाख शहीद की मां को दिए गए। दोनों के खाते में पैसे सोमवार ट्रांसफर कर दिए। यह जानकारी महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने दी है। वहीं, मुख्यमंत्री के सात अप्रैल को राम नगरी आने की भी संभावना है। इस दौरान वे शहीद परिवार से मिलने उनके आवास पर भी जा सकते हैं।
नक्सलियों से लिया था मोर्चा : बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर सीआरपीएफ की कोबरा 210 बटालियन में तैनात अयोध्या कोतवाली क्षेत्र के रानोपाली बढ़ई टोला निवासी राजकुमार यादव ने भी नक्सलियों से मोर्चा लिया। अदम्य साहस का परिचय देते हुए राजकुमार ने नक्सलियों ने दांत तो खट्टे कर दिए, लेकिन अंतत: वह वीरगति को प्राप्त हुए। चार जुलाई वर्ष 1976 को रानोपाली निवासी सूरजलाल यादव के घर वीर सपूत राजकुमार यादव का जन्म हुआ था। वर्ष 1995 में वह सीआरपीएफ में नियुक्त हुए। वे ताइक्वांडो के शानदार खिलाड़ी भी रहे।
दिसंबर में आए थे घर: गत वर्ष दिसंबर में राजकुमार छुट्टियों पर घर आए थे। 11 जनवरी को देश के प्रति जिम्मेदारी निभाने के लिए वह वापस ड्यूटी पर चले गए। दो दिन पहले ही वाट्सएप मैसेज के जरिये राजकुमार की अपने भाई रामविलास से वार्ता हुई थी, जिसमें उसने अपने परिवार का कुशलक्षेम जाना था।