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Unlock-1.0-Phase-2 : बंद चल रहे धर्मस्थलों के खुले दरवाजे, खिले भक्तों के चेहरे

Unlock-1.0-Phase-2 दो महीने से अधिक समय से बंद चल रहे धर्मस्थलों के दरवाजे सोमवार को खुल गए।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 08 Jun 2020 09:03 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 11:13 AM (IST)
Unlock-1.0-Phase-2 : बंद चल रहे धर्मस्थलों के खुले दरवाजे, खिले भक्तों के चेहरे
Unlock-1.0-Phase-2 : बंद चल रहे धर्मस्थलों के खुले दरवाजे, खिले भक्तों के चेहरे

लखनऊ, जेएनएन। Unlock-1.0-Phase-2 : ढाई महीने के लंबे इंतजार के बाद सोमवार को धार्मिक स्थल खुले ताे आस्था का स्वरूप भी बदला नजर आया। मंदिरों में लंबी कतारेें नहीं थी तो जयकारे के बीच घंटे की आवाज भी गुम हो चुकी थी। मस्जिद में जमातों की भीड़ नजर नहीं आई तो गुरुद्वारे में हेड ग्रंथी द्वारा प्रकाश के साथ गुरु ग्रंथ साहिब के सामने मत्था टेकने वालों की संख्या भी प्रशासन के अनुरूप नजर अाई। गिरजाघर भी खुले ,लेकिन प्रार्थना फादर ही करा सके। फादर ने ऑनलाइन प्रसारण किया तो विश्वासियों ने घर बैठे प्रभु यीशु से कोरोना मुक्ति की कामना की।

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पांच फीट के अरघे से हुआ अभिषेक

शहर के सबसे बड़े सिद्धपीठ मनकामेश्चर मंदिर में प्रसाद और फूलों के चढ़ाने पर प्रतिबंध था। पांच श्रद्धालुओं के दर्शन कर वापसी के बाद फिर पांच श्रद्धालु अंदर जा रहे थे। बाबा के अभिषेक के लिए गर्भ गृह के बाहर एक अस्थाई स्टील का अरघा बना था जिस पर जल चढ़ाते ही वह सीधा शिव लिंग पर गिरता था। आस्था के इस बदले स्वरूप को श्रद्धालुओं ने भी स्वीकार किया। महंत देव्या गिरि ने बताया कि प्रशासन के सुरक्षा इंतजामों के साथ ही बाबा के दर्शन होंगे। समय लेकर आएं तो परेशानी नहीं होगी। बुद्धेश्वर महादेव मंदिर भी सुबह भोलेनाथ ही आरती के साथ खुला तो श्रद्धालुओं ने शारीरिक दूरी बनाकर कर दर्शन किए। राजेंद्र नगर के महाकाल मंदिर में भी सुबह से ही पांच पांच श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला शुरू हुआ तो देर शाम तक चलता रहा। संयोजक अतुल मिश्रा स्वयं सैनिटाइजर का प्रयोग करा रहे हैं तो मास्क के बगैर श्रद्धालुओं को अंदर जाने से रोका गया।

मंदिर के बंद चैनल से हुए बजरंग बली के दर्शन

हनुमान सेतु मंदिर में स्थापित बजरंग बली के दर्शन के लिए भी श्रद्धालु सुबह ही आ गए थे। विश्व विद्यालय मार्ग पर बने गोले के बीच बाहर से श्रद्धालु दर्शन कर रहे थे। मुख्य पुजारी चंद्रकांत द्विवेदी श्रद्धालुओं से दूरी बनाए रखने की अपील करते नजर आए। बीरबल साहनी मार्ग स्थित पंच मुखी हनुमान मंदिर में शारीरिक दूरी बना कर मास्क लगाए श्रद्धालु बारी-बारी से दर्शन करते नजर आए। प्रसाद और फूल के बगैर दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं ने बाबा से कोरोना मुक्ति की कामना भी की। पुजारी पवन मिश्रा बारी-बारी से दूर से बाबा के दर्शन कराने में लगे थे। अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर में भी बाहर से ही दर्शन का इंतजाम था। पुजारी शिवाकांत मंदिर के अंदर श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी करने के लिए बजरंग बली का गुणगान कर रहे थे। दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर पक्कापुल व हजरतगंज में श्रद्धालुओं ने मास्क के साथ दर्शन किए।

गुरुद्वारों में सैनिटाइजर के साथ संगतों ने मत्था टेका

संगतों को बारी-बारी से गुरु ग्रंथ साहिब के दर्शन तो कराए गए, लेकिन प्रशासनिक प्रतिबंध के चलते बैठकर अरदास नहीं करने दिया गया। गुरुद्वारा नाका हिंडोला में लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा स्वयं संगतों को समझा रहे थे तो गुरुद्वारा सदर के अध्यक्ष रहपाल जग्गी सैनिटाइजर गेट से ही संगतों को अंदर आने की गुजारिश कर रहे थे। गुरुद्वारा आशियाना के अध्यक्ष जगमोहन सिंह ने संगतों को संभालने की कमान संभाली तो गुरुद्वारा मानसरोवर कानपुर रोड पर संपूर्ण सिंह बग्गा संगताें को शारीरिक दूरी का पाठ पढ़ा रहे थे। गुरुद्वारा अालमबाग में कार्यवाहक अध्यक्ष निर्मल सिंह प्रवक्ता हरजीत के साथ गेट पर संगतों को प्रशासन के निर्देशों के पालन का पाठ पढ़ा रहे थे तो गुरुद्वारा यहियागंज में गोले में खड़ी संगतों का बारी-बारी से अंदर जाने की जिम्मेदारी अध्यक्ष डॉ.गुरमीत सिंह और सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी खुद निभा रहे थे।

मस्जिदों में पांच ने पढ़ी नमाज , नहीं दिखी जमात

प्रशासन के प्रतिबंध का असर मस्जिदों में भी नजर आया। ऐशबाग के ईदगाह में इमाम मौलना खालिद रशीद फरंगी महली ने पांच लाेगों के साथ नमाज पढ़ी। जमात के साथ नमाज न पढ़ने की अपील का असर भी यहां के साथ अन्य मस्जिदों में भी नजर आया। शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद की अपील का असर भी इमामबाड़े की आसिफी मस्जिद के साथ अन्य मस्जिदों में भी दिखाई दी। पांच नमाजी ही नमाज पढ़ते नजर आए। टीलेवाली मस्जिद में भी पांच नमाजी ही नजर आए। शहर की अन्य छोटी बड़ी मस्जिदों में भी सन्नाटा नजर आया।

चर्च में फादर ने की प्रार्थना

शहर के गिरजाघरों में प्रार्थना हाल में प्रतिबंध के साथ परिसर में एक-एक करके पांच विश्वासियों के अाने का असर भी दिखाई दिया। कैथेड्रल में सुबह फादर डॉ.डोनाल्ड डिसूजा ने प्रार्थना की तो इसका लाइव वीडियो शेयर किया गया। विश्वासी बारी-बारी से परिसर में आते रहे। सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनर के बाद ही परिसर में जाने की अनुमति दी गई। एसेंबली आॅफ बिलीवर्स चर्च में फादर के अलावा किसी को जाने की अनुमति नहीं थी। फादर माॅरिस कुमार ने बताया कि प्रार्थना का सीधा प्रसारण यूट्यूब के माध्यम से किया गया।

राजधानी के अलीगंज में नहीं खुले बजरंगबली के मंदिर

अलीगंज क्षेत्र में बजरंगबली के नए पुराने और गुलाचीन बजरगंबली मंदिर सरकार का आदेश होने के बावजूद भी नहीं खुला। इन मंदिरों को जरूरी इंतजाम करने के बाद अगले एक दो दिन में खोला जाएगा। सभी मंदिरों का बीती रात पुलिस अधिकारियों ने मंदिरों का निरीक्षण भी किया था। जिसमें उन्होंने पाया कि तय प्रोटोकॉ ल के हिसाब से अभी तैयारियां पूरी नहीं हैं। गुलाचीन मंदिर की ओर से कहा गया है कि अभी मंदिर की साफ सफाई पूरी तरह से की जाएगी। जरूरी इंतजाम होंगे, उसके बाद ही मंदिर अगले दो से तीन दिन में खोले जाएंगे। डंडइया बाजार स्थित नया हनुमान मंदिर भी अभी खोला नहीं जा सका है। गुलाचीन मंदिर में सुबह दर्शन करने आए विकास रस्तोगी ने बताया कि उन्होंने बाहर से बजरंगबली को प्रणाम किया है।

 

मंदिरों के कपाट खुले, श्रद्धालुओं के चेहरे खिले

श्रावस्ती में श्रद्धालुओं के लिए बंद मंदिरों के कपाट सोमवार को 73 दिन बाद खुल गए। मंदिरों के कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे। श्रावस्ती तीर्थक्षेत्र मे बौद्ध मठ व मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए आम श्रद्धालुओं को अभी इंतजार करना पड़ेगा।

बौद्ध एवं जैन तीर्थ क्षेत्र श्रावस्ती स्थित दिगंबर जैन मंदिर प्रबंधक सुनील जैन ने बताया कि सोमवार को मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दी गई है। इससे पहले पूरे मंदिर क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया है। प्रवेश द्वार पर साबुन से हाथ पांव धुलकर शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए ही श्रद्धालु मंदिर मे प्रवेश कर कर रहे हैं।

बलरामपुर: जिले के तुलसीपुर देवीपाटन मंदिर के दरवाजे खुलते ही पहले दिन श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए पहुंच गए। गमछा या मास्क लगाकर ही अंदर जाने दिया गया। सभी पुजारी भी मास्क पहन कर बैठे  दिखाई दिए। लेकिन किसी के माथे पर तिलक नहीं लगाया। 

सुल्तानपुर: भदैंया के लोहरामऊ में देवी धाम पर सोमवार की सुबह आदि शक्ति मां का द्वार खुला तो भक्त भी धीरे धीरे दर्शन को पहुंचे।

अयोध्या: कोरोना महामारी के कारण ढाई महीने से बंद रामनगरी स्थित हनुमानगढ़ी व कनक भवन के द्वार आज खुले। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 

रायबरेली: ऊंचाहार के रोहनिया ब्लॉक के मिर्जापुर ऐहारी स्थिति बूढे बाबा मंदिर का कपाट नहीं खुला। भक्तों को गेट से ही मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। मंदिर के पुजारी महावीर गोस्वामी ने बताया कि ऊंचाहार कोतवाल ने मंदिर बंद रखने की चेतावनी दी थी। जबकि डलमऊ के सभी मंदिरों के कपाट खुले, कहीं भी भीड़ नहीं दिखाई दी। इक्का-दुक्का लोग ही दर्शन करते नजर आए। उधर, सलोन क्षेत्र में स्थित माता में ढूरिन मंदिर का कपाट खुलते ही श्रद्धालु पहुंचने लगे।

प्रसाशन ने जारी किए थे ये धार्मिक स्थलों संबंधी निर्देश

  • कैंटोमेंट जोन को छोड़कर अन्य स्थानों पर धार्मिक पूजा स्थल खोले जा सकते हैं। धर्म स्थलों को   खोलने से पूर्व पुलिस व प्रशासन के अधिकारी प्रबंधन से जुड़े लोगों को जरूरी सावधानी संबंधी निर्देश देंगे। प्रत्येक धर्म स्थल के अंदर एक बार मे पांच लोगों को ही प्रवेश दिया जाए। फिजिकल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान देंगे। 
  • सभी भक्तों के लिए सेनेटाइजर, इंफ्रारेड थर्मामीटर अनिवार्य है, नॉर्मल टेम्परेचर वालों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। परिसर में कोविड 19 की रोकथाम संबंधी पोस्टर का प्रयोग अनिवार्य होगा। माइक से भी जागरूक किया जाए
  • मंदिर परिसर के बाहर फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए लोगों के खड़े होने के लिए गोले बना दिये जाएं। प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग हों।

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