COVID 19 Vaccination in Lucknow: अब तक 90 हजार से अधिक युवाओं को लगी कोविड वैक्सीन, अभियान ने पकड़ी गति
लखनऊ के जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एमके सिंह ने बताया कि वैक्सीनेशन का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। निजी अस्पतालों में भी वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है। हर हफ्ते रविवार को सुबह 10 बजे आरोग्य सेतु एप या कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
लखनऊ, जेएनएन। एक मई से शुरू हुए 18 से 44 आयुवर्ग के वैक्सीनेशन का अभियान लगातार गति पकड़ रहा है। शुरुआत में इसके स्लाट सीमित होने से कम संख्या में ही लोग वैक्सीन लगवा पा रहे थे, मगर अब स्लाट की संख्या रोजाना 15300 किए जाने के बाद से प्रतिदिन 12 से 14 हजार से अधिक युवा वैक्सीन लगवा पा रहे हैं। सोमवार को 12931 युवाओं ने वैक्सीन लगवाई। इस प्रकार अब तक 90 हजार से अधिक लोग इस आयुवर्ग के टीकाकरण करा चुके हैं। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एमके सिंह ने बताया कि वैक्सीनेशन का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। अब लखनऊ के निजी अस्पतालों में भी वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है। हर हफ्ते रविवार को सुबह 10 बजे आरोग्य सेतु एप या कोविन पोर्टल पर वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। जिसकी जहां इ'छा हो, वहां जाकर टीकाकरण करा सकता है।
संक्रमित होने के तीन माह बाद वैक्सीन लेने से प्रतिरोधक क्षमता अधिक
वैक्सीन लगवाने के लिए देश भर में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। पहले चरण में डाक्टरों, दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्करों व तीसरे चरण में 45 वर्ष से अधिक उम्र के बीमारों व 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों का टीकाकरण करने के बाद अब 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन चल रहा है। लोहिया संस्थान के एमएस डा. विक्रम ङ्क्षसह कहते हैंं कि संक्रमित होने के बाद स्वयं व्यक्ति में प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो जाता है। ऐसे में यदि वह वैक्सीन की डोज तीन माह बाद लें तो ऐसे लोगों की प्रतिरोधक क्षमता अधिक मजबूत होती है।
उन्होंने कहा कि वैक्सीन नए वैरिएंट में भी काम करती है। क्योंकि नया वैरिएंट भले हो, लेकिन वायरस वही होता है। वैक्सीन के निर्माण के दौरान म्यूटेंट होने वाले वायरस को ध्यान में रखकर इसे तैयार किया जाता है। इसलिए म्यूटेंट वायरस में भी यह काम करती है। हर वैक्सीन का बनाने का तरीका अलग-अलग होता है। उसका एंटीबाडी फार्मेशन भी उसी हिसाब से होता है। इसलिए जिस वैक्सीन की पहली डोज ली है। दूसरी वैक्सीन की डोज भी उसी की लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि दोनों डोज लगने के तीन से चार सप्ताह बाद पूर्ण रूप से एंटीबाडी का विकास हो जाता है। वैक्सीन की दोनों डोज लेने पर ही पूरी तरह एंटीबाडी बनती है। इसके बाद ही हम संक्रमण से सुरक्षित हो पाते हैं। उन्होंने बताया कि तीसरी लहर अगस्त से नवंबर तक आ सकती है। इसलिए जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है, वह सभी जब स्लाट व मौका मिले जल्द से जल्द उन्हें लगवा लेना चाहिए।
वैक्सीनेशन कराने से पहले जान लें यह जरूरी बातें-
पंजीकरण प्रक्रिया : वैक्सीनेशन से पहले पंजीकरण कराना जरूरी होता है। इसके लिए लाभार्थी को अपना आधार व मोबाइल नंबर देना होता है। यह पंजीकरण आनलाइन कोविन पोर्टल पर या आरोग्य सेतु एप पर कराया जा सकता है। अब आफलाइन वैक्सीन लगवाने का कोई विकल्प मौजूद नहीं है।
-वैक्सीनेशन के बाद 30 से 40 मिनट के आब्जरवेशन पीरियड में मरीज को रहना होता है। इस दौरान कुछ लोगों में चक्कर, उल्टी-दस्त व हल्का बुखार इत्यादि की दिक्कत हो सकती है। यह वैक्सीन लगने के बाद होने वाला सामान्य प्रभाव है। इससे घबराएं नहीं। ऐसे लोगों को वैक्सीनेशन केंद्र पर दिक्कत होने पर वहीं उन्हें उपचार मुहैया कराया जाता है। टीकाकरण कराने के बाद अभी तक किसी भी व्यक्ति के गंभीर रूप से बीमार होने या अन्य किसी तरह के साइड इफेक्ट होने की बात सामने नहीं आई है।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों ही टीके प्रभावशाली व सुरक्षित: कोविड वैक्सीनेशन (एनएचएम) के ब्रांड एंबेसडर डा. सूर्यकांत त्रिपाठी ने बताया कि कोवैक्सीन पहली डोज लगवाने के 28 दिन बाद दूसरी डोज लगती है। एंटीबाडी दूसरी डोज के 14 दिन बाद यानी पहली डोज के 42 वें दिन तक बनती है। कोविशील्ड की दूसरी डोज पहली लगवाने के पहले छह से आठ हफ्ते के बीच लग रही थी। अब वह 12 से 16 हफ्ते में लग रही है। दोनों डोज लगने के तीन चार हफ्ते बाद प्रभावी तरीके से एंटीबाडी बनती है। अगर किसी की पहले से कोई दवा चल रही है तो उसे खाकर और भोजन करके वैक्सीन लगवाने जाएं। वैक्सीन लगवाने जाते समय एक सहायक व पीने का पानी साथ ले जाएं। वैक्सीन लगवाने के बाद जरूरत लगे तो सिर्फ पानी पिएं। 30 मिनट बाद कुछ भी खा-पी सकते हैं। शराब व सिगरेट से परहेज करना बेहतर होगा। इस दौरान 18 वर्ष से अधिक उम्र वालों को सभी लोगों को टीका लगाया जा रहा है।