Tiddi Dal Attack: टिड्डियों के प्रकोप से बच गईं औषधीय एवं सगंध फसलें
Tiddi Dal Attack शोध कर वैज्ञानिक उन तत्वों की पहचान करेंगे जिनसे टिड्डियों को परहेज है।
By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 06:37 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 06:37 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। Tiddi Dal Attack: रविवार को राजधानी सहित कई जिलों में टिड्डी दल का अटैक हुआ।अच्छी बात यह रही कि औषधीय व सगंध पौधों की फसलों को टिड्डियों से कोई नुकसान नहीं हुआ। टिड्डी दल लाखो की संख्या में पिछले सप्ताह गरा, फिरोजाबाद, कन्नौज, हरदोई एवं सीतापुर के रास्ते फसलों को क्षति पहुचाते हुए रविवार दोपहर लखनऊ में दाखिल हुए और विभिन्न फसलों व पेड़ों को नुकसान पहुंचाया। टिड्डियों के दल ने सीमैप के लगभग 25 एकड़ के रिसर्च फार्म पर भी आक्रमण किया जहां औषधीय एवं सगंध पौधों के साथ-साथ पांरपरिक फसलों को भी उगाया जाता है। टिड्डी दल का डेरा सीमैप फार्म लखनऊ में दोपहर 1:30 से 2:30 के बीच रहा।
सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने बताया कि सोमवार सुबह क्षति का आकलन करने हेतु सर्वेक्षण किया गया तो पाया गया कि औषधीय एवं सगंध फसलों जैसे अश्वगंधा, पामारोज़ा, सफेद मूसली, आर्टीमिसिया, नीबूघास, तुलसी, मेंथा इत्यादि को टिड्डियों के दल ने बिल्कुल नुकसान नही पहुंचाया। वहीं इन फसलों के आसपास लगी हुई पांरपरिक फसलें जैसे ढेंचा, बाजरा, मक्का तथा सब्जी फसल इत्यादि को लगभग पूरी तरह नष्ट कर दिया।इसको देखकर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि औषधीय एवं सगंध फसलों में ऐसे तत्व मौजूद है कि जिनको टिड्डियां पसंद नही करती। इसलिए इन पौधों को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाया।
उन्होने कहा कि इसका कारण जानने हेतु शोध करने की आवश्यकता है तथा इन पौधों से जैविक कीटनाशक बनाने की संभावना हो सकती है। आसपास के औषधीय एवं सगंध फसलों की खेती कर रहे किसानों से वार्ता के दौरान पता चला कि उनके खेत में भी लगे औषधीय एवं सगंध पौधों को टिड्डियों के दल ने कोई नुकसान नहीं पहंुचाया जहां पारंपरिक फसलों को काफी क्षति पहुंची है।
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