टेरर फंडिंग से जुड़े तीन हैकर मुंबई से गिरफ्तार, कई खातों में भेजे थे 2.5 लाख अमेरिकन डॉलर
एटीएस ने टेरर फंडिंग मामले में मुंबई से नाइजीरिया के दो नागरिकों समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। ये हैकर हैं और बैंक खातों से रकम उड़ाकर आतंकियों तक पहुंचाते थे।
लखनऊ, जेएनएन। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) नेपाल के जरिये टेरर फंडिंग की रकम उत्तर प्रदेश में सप्लाई करने वाले गिरोह की अगली कड़ी खोज निकाली है। एटीएस ने टेरर फंडिंग मामले में मुंबई से नाइजीरिया के दो नागरिकों समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। तीनों हैकर हैं और बैंक खातों से करोड़ों की रकम उड़ाकर आतंकियों तक पहुंचाते थे। एटीएस को उम्मीद है कि तीनों से पूछताछ में टेरर फंडिंग के इस नेटवर्क से जुड़े बड़ों तक पहुंचने में कामयाबी मिलेगी। तीनों आरोपितों के तार सीधे पाकिस्तान के किसी आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं।
आइजी एटीएस डीके ठाकुर ने बताया कि मुंबई से नाइजीरिया के निवासी चिनवेउबा एमेका माइकल, पीटर हरमन अस्सेंगा व अर्जुन अशोक खराडे को गिरफ्तार किया गया है। 11 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में नेपाल से लाखों रुपये लेकर आये उम्मेद अली, संजय अग्रवाल, एराज अली व समीर सलमानी उर्फ सोनू को गिरफ्तार किया गया था। चारों के तार टेरर फंडिंग से जुड़े थे। नेपाल से लाई गई रकम बरेली बरेली निवासी मास्टर माइंड सिराजुद्दीन व फहीम को पहुंचाई जाती थी। डीजीपी ने इस केस की विवेचना एटीएस को सौंपी थी। एटीएस ने सिराजुद्दीन व फहीम को गिरफ्तार कर पूछताछ की थी, जिसमें कई अहम जानकारियां सामने आई थी।
आइजी एटीएस ने बताया कि फहीम व सिराजुद्दीन नेपाल से आई रकम को दिल्ली में माइकल के हवाले करते थे। नेपाल के बैंक में लाखों की ठगी पीटर ने की थी जबकि अर्जुन इन दोनों का खास मददगार है। मुंबई से पकड़े गये तीनों आरोपितों के कब्जे से तीन लैपटॉप, चार मोबाइल, 13 सिम भारतीय, एक सिम विदेशी, अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण व पासपोर्ट बरामद हुए हैं। आरोपितों के लैपटॉप का फोरेंसिक परीक्षण कराया जायेगा।
एडीजी का कहना है कि तीनों से पूछताछ में यह पता लगाने का प्रयास किया जायेगा कि उनके जरिये रकम किन-किन देशों में और किन लोगों को भेजी गई है। विवेचना में 2.5 लाख अमेरिकन डॉलर (1.75 करोड़ रुपये) विभिन्न खातों में भेजे जाने की बात प्रकाश में आई है। आरोपितों ने एक-एक ट्रांजेक्शन में दस-दस करोड़ रुपये तक ट्रांसफर किये हैं। रकम किन खातों में ट्रांसफर की गई। इस रकम का प्रयोग किन-किन कामों में किया गया। इस धंधे में कोई अन्य नेटवर्क भी इनकी मदद करता है। ऐसे कई बिंदुओं पर तीनों से पूछताछ होगी।