तीस हजार दो वर्ना भेज देंगे जेल, नहीं होगी जमानत; श्रावस्ती पुलिस की आइजी से शिकायत
मोबाइल फोन वाले की हत्या हो गई है। यह कहकर पुलिसवाले युवक को थाने ले आए। बाद में पुलिस कर्मियों ने उसे दीवान के कमरे में ले जाकर धमकाते हुए 30 हजार रुपये की मांग की। कहा कि पैसे दीजिए या फिर लखनऊ चलिए तीन महीने जमानत नहीं होगी।
गोंडा, जागरण संवाददाता। श्रावस्ती के सिरसिया थाना कर्मियों की कारगुजारी ने पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि अनुसूचित जाति के युवक के मोबाइल सिम कार्ड को चोरी का बताकर उससे तीस हजार रुपये की मांग की गई। किसी तरह से उसने 21 हजार रुपये का इंतजाम करके पुलिस कर्मियों को दिया। पुलिस कर्मियों ने और रुपये मांगे तो उसने इसकी शिकायत पुलिस महानिरीक्षक डॉ. राकेश सिंह से की है।
सिरसिया थाने के विशुनापुर चिलहारिया निवासी ओंकार नाथ चौधरी का आरोप है कि 11 जून की दोपहर उसके मोबाइल फोन पर थाने के दीवान ने कॉल किया। चिलहिया मोड़ पर तीन पुलिस कर्मियों ने उसका मोबाइल फोन ले लिया। कहा कि इस मोबाइल फोन में जो सिम कार्ड लगा है, वह चोरी का है। मोबाइल फोन वाले की हत्या हो गई है। यह कहकर उसे थाने ले आए। बाद में पुलिस कर्मियों ने उसे दीवान के कमरे में ले जाकर धमकाते हुए 30 हजार रुपये की मांग की। कहा कि पैसे दीजिए या फिर लखनऊ चलिए, तीन महीने जमानत नहीं होगी।
21 हजार लिए, फिर भी धमका रहे : पीडि़त ने अपने एक साथी के माध्यम से बीस हजार रुपये मंगवाकर पुलिस कर्मियों को दिया। शेष पैसा अगले दिन लाने को कहा। बाद में पुलिस कर्मियों ने उसका मोबाइल फोन भी तोड़ दिया। अगले दिन उसने एक हजार रुपये और दिए। इसके बाद जब वह घर पहुंचा तो उसने उस शख्स से मुलाकात की, जिससे मोबाइल फोन खरीदा था। उसने मोबाइल का पेपर भी दिखाया। इसके बाद एसपी से इसकी शिकायत की गई लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। मंगलवार को पीडि़त सदभावना संस्था के अध्यक्ष योगेंद्र मणि त्रिपाठी के साथ पुलिस महानिरीक्षक से मिला। उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि मामला गंभीर है। एसपी श्रावस्ती से कहा गया है कि दो दिन के भीतर जांच करने के साथ ही कार्रवाई करके रिपोर्ट दें।