ये ट्रैफिक के 'हमराही', बांटते फूल और समझाते रूल
इंदिरानगर के आशीष श्रीवास्तव चलाते हैं ट्रैफिक जागरूकता अभियान। जहां दिखा जाम, वहीं रोकी गाड़ी और करने लगे ट्रैफिक संचालन।
लखनऊ, (महेंद्र पांडेय)। दुनिया में सबकुछ है लेकिन, सुकून नहीं। इंसान में सब कुछ है मगर सब्र नहीं...।
ट्रैफिक में वाहन चालक एक मिनट भी सब्र नहीं करते। कुछ लोग तो रेड सिग्नल भी पार कर जाते हैं। नियमों को तोडऩे की यही बेसब्री जाम का कारण बनती है। पर, शहर में आशीष श्रीवास्तव जैसे संजीदा लोग भी हैं जो खुद जाम में ट्रैफिक सिपाहियों के 'हमराही' बन यातायात का संचालन करने लगते हैं। यहीं नहीं, वह ट्रैफिक विभाग व सामाजिक संगठनों के साथ रैली निकालते हैं और ट्रैफिक रूल समझाने के साथ यातायात नियमों का पालन करने वालों को गुलाब के फूल देकर सम्मानित भी करते हैं।
इंदिरानगर के व्यापारी आशीष श्रीवास्तव चार साल से लोगों को ट्रैफिक जागरूकता का पाठ पढ़ाते आ रहे हैं। यह प्रेरणा उन्हें चार साल पहले एक दोस्त के पिता की मौत से मिली। आशीष बताते हैं कि उनके अजीज मित्र के पिता अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालात गंभीर थी। पिता को देखने के लिए मित्र एयरपोर्ट पहुंचा। वह बाइक से मित्र को एयरपोर्ट से लेकर अस्पताल जा रहे थे। अस्पताल जाने के दौरान वह करीब आधे घंटे हजरतगंज में जाम में फंसे रहे। जब अस्पताल पहुंचे तो मित्र के पिता की सांसें थम चुकी थीं। इस घटना ने उन्हें झकझोर दिया। ऐसे में उन्होंने संकल्प लिया कि वह अपने सामने जाम नहीं लगने देंगे। तब से जाम में यातायात संचालन में सहयोग दे रहे हैं। उन्हें तत्कालीन एसएसपी राजेश पांडेय ने 'बेस्ट सिटीजनÓ अवार्ड देकर सम्मानित भी किया था। आशीष ने यातायात जागरूकता के लिए 35-40 व्यापारियों का समूह बनाया है। समूह के सदस्य संतोष त्रिपाठी, हेमंत चौधरी, वीरेंद्र उनके साथ ट्रैफिक जागरूकता अभियान चलाने में सहयोग करते हैं।