बलरामपुर : तीस से अधिक गांवों में भरा पहाड़ी नालों का पानी, फसल बर्बाद; ग्रामीण पलायन को मजबूर
चेतावनी बिंदु को पार कर लाल निशान छूने को बेताब है राप्ती नदी। तटवर्ती गांवों के लोगों के सामने खड़ा हुआ संकट।
बलरामपुर, जेएनएन। जिले के तीन तहसील क्षेत्रों के 30 से अधिक गांवों में पहाड़ी नालों का पानी भर गया है। राप्ती नदी चेतावनी बिंदु को पार कर लाल निशान छूने को बेताब है। तटवर्ती गांवों के लोगों को चिंता सताने लगी है। तुलसीपुर तहसील क्षेत्र के महराजगंज तराई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पानी भर गया है।
हरैया सतघरवा क्षेत्र के ललिया-हरिहरगंज मार्ग, मथुरा-सिटकिहवा मार्ग, ललिया-महराजगंज तराई मार्ग पर पानी बह रहा है। जिससे आवागमन ठप हो गया है। तेज बहाव के चलते सिटकिहवा मोड़ के पास पुल का एप्रोच मार्ग कट गया है। जिससे ग्रामीणों का मुख्यालय समेत एक-दूसरे गांवों से संपर्क कट गया है।
बाढ़ का पानी लेगड़ी, कमदी, मदारगढ़, जुम्मनडीह, फकीरडीह, लैबुड्डी, बजरडीह, परसाहवा, ठड़क्की, बनघुसरी, इटैहिया, मकुनाहवा, भवानियापुर, भौरही, लखनीपुर, अकबरपुर, भुसैलिया, काशीपुर, लौकाहवा, पिट्ठा, खैरपुरवा, नरायनापुर, प्रतापपुर, बुड़ंतपुर, कहराडीह गांव में पानी घुस गया है। सीमा, सुशील, छोटका, बड़कऊ के घर के कच्चे डेहरी में रखा अनाज भीग कर खराब हो गया है। किसानों के खेतों में लगे धान के बेड़न, मेंथा, गन्ने की फसल डूब गई है। पशुओं के चारे का सकंट पैदा हो गया है।
सदर तहसील क्षेत्र के रामनगर, करमहना व होशियार गांव के सामने राप्ती की कटान तेज हो गई है। उधर तहसील क्षेत्र के बभनपुरवा गांव के पास राप्ती तेजी के साथ कटान कर रही है। जिससे ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ गई है।