प्रबंध नगर के किसानों की आवाज PMO कार्यालय तक पहुंची, LDA पर लेटलतीफी का आरोप
प्रबंध नगर के हजारों किसानों ने सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना दर्द बयां किया है। साथ ही आरोप लगाया है कि एलडीए की लेटलतीफी के कारण वह अपनी जमीन को पिछले साेलाह साल से न बेच पा रहे हैं और न बैंक उन्हें जमीन पर लोन देने को तैयार है।
लखनऊ, जेएनएन। हजारों किसानों का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है। किसानों की आवाज जब नहीं सुनी गई तो किसानों ने सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय को अपना दर्द बयां किया है। साथ ही आरोप लगाया है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण की लेटलतीफी के कारण वह अपनी जमीन को पिछले साेलाह साल से न बेच पा रहे हैं और न बैंक उन्हें जमीन पर लोन देने को तैयार है। कारण एलडीए ने जमीन लेने की बात वर्ष 2004 में की थी, इसके बाद से कोई काम नहीं हुआ। ऐसे में किसान अपने बच्चों की पढ़ाई, शादी व इलाज तक नहींं करवा पा रहा है। यह हाल प्रबंध नगर योजना के अल्लू नगर, घैला, डिगुरिया और ककौली गांव के सैकड़ों किसानों का है। वहीं पीएमओ कार्यालय मामला पहुंचने से जिला प्रशासन व एलडीए में हड़कंप मचा हुआ है। अब एलडीए ने किसानों के बीच जाकर जल्द ही वार्ता करने की योजना बनाई है।
किसान एकता संघर्ष समिति के अध्यक्ष राम सेवक उर्फ बाबा ने पीएमओ कार्यालय भेजे गए पत्र में उल्लेख किया है कि जब मुख्यमंत्री पोर्टल पर मामले की शिकायत की जाती है तो एक ही बात कही जाती है कि एलडीए की योजना में उक्त गांव है और उच्च स्तरीय अधिकारियों के स्तर पर याेजना विचाराधीन है। किसानों ने मांग की है कि एलडीए योजना शुरू करे या फिर किसान की जमीन अर्जुन मुक्त कर दे। पीएमओ कार्यालय भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि दर्द इतना बढ़ गया है कि किसान आत्महत्या तक करने को विवश हैं। क्योंकि उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा है।
एलडीए की 756 हेक्टेअर की है योजना
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने प्रबंध नगर योजना चालू करने के लिए चार गांवों के किसानों की जमीन अधिग्रहित करने की बात कही थी। यहां जमीन करीब 756 हेक्टेअर है। समिति के अध्यक्ष राम सेवक उर्फ बाबा ने बताया कि यहां अल्लू नगर, ककौली में अधिकांश जमीन पर प्लाटिंग हो गई है। ऐसे में एलडीए क्या करेगा? उन्होंने एलडीए उपाध्यक्ष व मंडलायुक्त से जमीन को अर्जन मुक्त करने की मांग फिर दोहराई है।