जब जीनैट के आगे धराशाई हुए PAK लड़ाकू विमान, कीलर ब्रदर्स ने फेरा था मंसूबों पानी
वायुसेना के शहर के जांबाजों ने हर कदम पर पाकिस्तान के मंसूबों पर फेरा था पानी आज भी पाकिस्तान में है कीलर ब्रदर्स के नाम का खौफ।
लखनऊ, [निशांत यादव]। जिस बहादुरी से भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने बुधवार को भारत में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा और उनका एक एफ-16 मार गिराया। कुछ ऐसी ही जांबाजी से पहले भी लखनऊ के भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को नाकाम किया है।
एक छोटे से फॉलैंड जीनैट विमान से कीलर ब्रदर्स ने तो पाकिस्तानी वायुसेना के युद्धक विमानों को मार गिराया था। सन 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध के अलावा 1999 के कारगिल युद्ध में भी वायुसेना ने पाकिस्तान के दांत खट्टे किए। विंग कमांडर अभिनंदन की तरह शहर के जांबाज पायलटों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद किया था। वायुसेना के उन जांबाजों की वीरता और शौर्य गाथा आज भी जीवंत हो उठती है।
दो भाइयों ने एक साथ लड़ी जंग
वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध में पहली बार दो भाइयों ने एक साथ जंग में हिस्सा लिया। कीलर ब्रदर्स (ट्रेवर कीलर और डेंजिल कीलर) की पढ़ाई लखनऊ के सेंट फ्रांसिस व लामार्टीनियर कॉलेज में हुई थी। उनको 1965 के युद्ध में वीर चक्र प्रदान किया गया था। तीन सितंबर 1965 की सुबह सात बजे पाक के कई एफ-104 लड़ाकू विमान छंब सेक्टर में सैनिक ठिकानों के ऊपर थे। डेंजिल और ट्रेवर कीलर ने एफ-86 सैबरजेट विमान को घेर लिया। इस बीच पाक के एफ-104 विमान भी आ गए। कीलर ब्रदर्स ने सैबरजेट विमानों को पीछा करते हुए उन्हें नष्ट किया। इसके 16 दिन बाद स्क्वाड्रन लीडर डेंजिल कीलर ने चार और पाकिस्तानी विमानों को अपनी टीम के साथ मार गिराया।
विंग कमांडर कौल ने दिखाया दम
1971 के युद्ध में विंग कमांडर स्वरूप कृष्ण कौल ने कोमिल्ला, सिलहट और सैदपुर से शत्रु क्षेत्रों के फोटो लेने का काम महज दो सौ फीट की ऊंचाई से किया। उन्होंने तेजगांव और कुरमटोला हवाई अड्डों के ऊपर भी टोह लेकर ढाका में पाकिस्तान के चार विमानों को मार गिराया। उनको महावीर चक्र मिला। विंग कमांडर कौल बाद में एयर मार्शल भी बने।
बमबारी के बीच गिराया विमान
राजधानी के फ्लाइट लेफ्टिनेंट विनय कपिला ने 19 सितंबर 1965 को पाकिस्तान के चार सैबरजेट विमानों पर हमला किया। जमीन से करीब दो हजार फीट की ऊंचाई पर पाकिस्तान की तोपों की फायरिंग के बीच उन्होंने उसके विमानों को मार गिराया।
तीन टैंकों को उड़ाया
फ्लाइट लेफ्टिनेंट विनोद पाटनी को 1965 के भारत-पाक युद्ध में वीर चक्र मिला। खेमकरण में उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर पांच बार हमला किया और दुश्मन के तीन टैंकों को नष्ट किया।
दो पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया
भारतीय वायुसेना में जनवरी 1954 में कमीशंड प्राप्त विंग कमांडर एचएस गिल ने वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में पश्चिमी क्षेत्र में फाइटर स्क्वाड्रन को कमांड किया। विंग कमांडर गिल ने 11 और 12 दिसंबर को दो पाकिस्तानी लड़ाकू विमान एफ-104 को मार गिराया। पाकिस्तान में सिग्नल यूनिट को उड़ाकर वहां की संचार प्रणाली को ध्वस्त किया।