झंडीवाला पार्क में देखें जहरीली हवा से कैसे छलनी हो रहा फेफड़ा
क्लाइमेट एजेंडा व डॉक्टर्स फॉर क्लीन एयर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में इस कृत्रिम फेफड़े के मॉडल का उद्घाटन महापौर संयुक्ता भाटिया ने किया।
लखनऊ, जेएनएन। नगर निगम मुख्यालय के सामने झंडीवाला पार्क में कृत्रिम फेफड़ा लगाया गया है। इसमें हेफा फिल्टर, दो एग्जॉस्ट फैन व एयर क्वालिटी मॉनीटर लगाया गया है। यह हूबहू मानव शरीर में काम करने वाले फेफड़े की तरह काम करेगा। इसके माध्यम से लोगों को दिखाया जाएगा कि जहरीली हवा किस तरह आपके फेफड़े को छलनी कर रही है। उत्तर प्रदेश में हर साल ढ़ाई लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हो रही है।
महापौर ने कहा कि सामूहिक प्रयास से ही शहर को साफ-सुथरा बनाया जा सकता है। कार्यक्रम में केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत ने बताया कि विश्व में हर साल 70 लाख लोग, भारत में 12 लाख लोग और यूपी में ढ़ाई लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हो रही है। विश्व के सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण वाले पंद्रह शहरों में कानपुर टॉप पर है और लखनऊ सातवें नंबर पर है।
कार्यक्रम में नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने लोगों से अपील की कि वह कूड़ा न जलाएं। क्लाइमेट एजेंडा की निदेशक एकता शेखर ने बताया कि बीते दिनों दिल्ली में कृत्रिम फेफड़ा लगाया गया जो कि केवल छह दिनों में ही काला हो गया। लखनऊ में एयर क्वालिटी इंडेक्स जनवरी महीने में काफी खराब चल रहा है।
पेड़ एक व्यक्ति को देते हैं पांच करोड़ की मुफ्त ऑक्सीजन
कार्यक्रम में प्रो. सूर्यकांत ने कहा कि साफ-सुथरी हवा हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। हम एक मिनट में पंद्रह बार सांस लेते हैं और करीब आधा लीटर ऑक्सीजन लेते हैं और कार्बन डाई आक्साइड बाहर निकालते हैं। अगर एक व्यक्ति 65 वर्ष तक जीवित रहता है तो पांच करोड़ की ऑक्सीजन पेड़ उसे मुफ्त में देते हैं। ऐसे में जन्मदिन व किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम में पौधरोपण जरूर करें।