यूपी विधानमंडल मानसून सत्र में बदली दिखेगी सदन की तस्वीर, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसे विकल्पों पर विचार
कोरोना संक्रमण काल में सुरक्षित शारीरिक दूरी अपनाने की अनिवार्यता के चलते उत्तर प्रदेश विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र में सदन की तस्वीर बदली नजर आ सकती है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में सुरक्षित शारीरिक दूरी अपनाने की अनिवार्यता के चलते उत्तर प्रदेश विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र में सदन की तस्वीर बदली नजर आ सकती है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, स्थान परिवर्तन और विधानसभा मंडप के भीतर ऊपरी हिस्से की सीटें खाली कराने जैसे विकल्पों पर विचार हो रहा है। यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का कहना है कि बैठक कराने तक हालात समान्य नहीं होते हैं तो इस बारे में अंतिम फैसला सरकार को लेना है। नियमानुसार विधानमंडल का मानसून सत्र अगस्त के तीसरे सप्ताह तक बुलाया जाना चाहिए।
यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बताया कि वैश्विक आपदा के इस दौर में अन्य राज्यों में भी विधानमंंडल सत्रों के आयोजन को लेकर चिंतन मनन होने लगा है। हमारे लिए राहत की बात यह है कि मानसून सत्र की बैठक बुलाने के लिए अगस्त के तीसरे सप्ताह तक का वक्त है। हम आशान्वित हैं कि तब तक हालात में सुधार होगा और ऐसी विकट स्थितियां नहीं रहेंगी। बावजूद इसके सभी संभावनाओं पर चर्चा भी हो रही है। इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का विकल्प भी शामिल है परंतु विधानसभा के 403 सदस्यों की बड़ी संख्या के लिए व्यवस्था करना आसान नहीं होगा। इसमें अनेक तकनीकी दिक्कतें भी आ सकती हैं। उन्होंने कहा कि कई छोटे देशों में ऐसे प्रयोग किए गए हैं परंतु उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में ऐसा कर पाना मुश्किल होगा।
स्थान परिवर्तन भी विकल्प : यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का कहना है कि किसी ऐसे बड़े स्थान पर जहां 403 विधायकों की बैठक में सुरक्षित दूरी के मानक की पूर्ति हो सके, वहां बैठक पर विचार किया जा सकता है। लोकभवन भी इसमें एक स्थान हो सकता है। इसके अलावा विधानभवन के मंडप में ही ऊपर की सीटों को खाली कराकर सदस्यों को बैठाने की संभावना पर विचार किया जा सकता है परंतु अभी पर्याप्त समय है। हम अन्य राज्यों के विधानमंडलों पर भी नजर रखे हुए है। दीक्षित का कहना है कि यह तय है कि मानसून सत्र में सदन की तस्वीर बदली होगी।