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विधान मंडल के अगले सत्र में उठेगा अयोध्या के गुमनामी बाबा के रहस्य से पर्दा, यूपी कैबिनेट की मंजूरी

लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 24 Jul 2019 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 09:37 AM (IST)
विधान मंडल के अगले सत्र में उठेगा अयोध्या के गुमनामी बाबा के रहस्य से पर्दा, यूपी कैबिनेट की मंजूरी
विधान मंडल के अगले सत्र में उठेगा अयोध्या के गुमनामी बाबा के रहस्य से पर्दा, यूपी कैबिनेट की मंजूरी

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या में गुमनामी बाबा की जांच के लिए गठित जस्टिस विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट विधान मंडल के अगले सत्र में पटल पर रखी जाएगी। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली।

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गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय न्यायमूर्ति विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट विधान मंडल के पटल पर रखने के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव आया। इसे मंजूरी दे दी गई। सितंबर 2017 में न्यायमूर्ति सहाय ने गुमनामी बाबा की 347 पृष्ठ की जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी थी। राज्यपाल ने सौंपी गई रिपोर्ट को परीक्षण के बाद अगली कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेज दिया था।

जस्टिस सहाय ने चार जुलाई, 2016 को आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण कर जांच शुरू की थी। करीब 14 माह में पूरी हुई इस जांच रिपोर्ट के सामने आने से एक बड़े रहस्य से पर्दा हट सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को अयोध्या के राम भवन में रहने वाले गुमनामी बाबा की जांच के लिए एक पैनल गठित करने के निर्देश दिये थे। उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की गई थी कि राम भवन में रहने वाले गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे।

बरेली, शाहजहांपुर और मुरादाबाद की बदलेगी सूरत

योगी सरकार ने शाहजहांपुर, बरेली और मुरादाबाद की सीवेज व्यवस्था बेहतर करने के लिए कदम बढ़ाया है। कैबिनेट ने इन तीनों नगरों में सीवरेज योजना से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी है। शाहजहांपुर सीवरेज योजना से संबंधित परियोजना के व्यय के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। अमृत योजना के तहत अगले वर्ष तक 377 करोड़ 51 लाख 48 हजार रुपये इस मद में व्यय होंगे। बरेली सेंट्रल जोन फेज-तीन में ब्रांच सीवर एवं गृह संयोजन कार्य से संबंधित परियोजना के लिए अमृत योजना के तहत 212 करोड़ 20 लाख 79 हजार रुपये का प्रस्ताव मंजूर किया गया। मुरादाबाद में अमृत योजना के तहत सीवरेज योजना के लिए 220 करोड़ 78 लाख 39 हजार रुपये का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है।

लखनऊ में चार लेन के बनेंगे दो रेलवे ओवरब्रिज

लखनऊ में शारदा कैनाल की बायीं और दायीं पटरी पर चार लेन के दो अलग-अलग रेलवे ओवरब्रिज के पुनरीक्षित लागत को कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। लखनऊ में उत्तर रेलवे के लखनऊ-बाराबंकी रेलवे लाइन के किसान पथ (अयोध्या रोड से मोहनलाल गंज रोड तक) शारदा कैनाल के बायीं और दायीं पटरी पर चार लेन के दो रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण पर 235 करोड़ 13 लाख 99 हजार रुपये की पुनरीक्षित लागत को मंजूरी मिली है। रेलवे लाइन पर समपार न होने की स्थिति में ओवरब्रिज की लागत में रेलवे की सहभागिता निर्धारित नहीं की गई है। ओवरब्रिज के निर्माण की लागत का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

वस्त्रों के अनिवार्य खरीद की अवधि मार्च 2022 तक बढ़ी

सभी सरकारी विभागों एवं शासन के नियंत्रण में चलने वाले उपक्रमों, निगमों, स्वायत्तशासी संस्थाओं द्वारा उप्र राज्य हथकरघा निगम, यूपिका, उप्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की संस्थाओं द्वारा उत्पादित वस्त्रों को अनिवार्य रूप से खरीदने की अवधि 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाई गई है। उपरोक्त संस्थाओं द्वारा वित्त पोषित एवं प्रमाणित संस्थाएं यथा गांधी आश्रम और उप्र हस्तशिल्प विपणन निगम (जिन्हें आपूर्तिकर्ता संस्था कहा गया है) द्वारा उत्पादित वस्त्रों को अनिवार्य रूप से क्रय करने की पूर्व से चली आ रही व्यवस्था को ही कुछ शर्तों के साथ 2022 तक बढ़ाया गया है। इस व्यवस्था से प्रदेश की लघु एवं कुटीर इकाइयों तथा हथकरघा उद्योग से जुड़े बुनकरों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलेंगे। शर्त यह है कि आपूर्तिकर्ता संस्थाओं द्वारा विक्रय किये जाने वाले समस्त उत्पादों को चिह्नित ब्रांड के अन्तर्गत जेम पोर्टल के जरिये ही खरीदा जाएगा। वस्तुओं की दर एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने का दायित्व आपूर्तिकर्ता संस्थाओं का होगा। विभाग द्वारा प्रस्ताव के परीक्षण के बाद मुख्यमंत्री से आदेश लेकर छूट प्रदान की जा सकेगी। पुलिस विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाने वाली वर्दी को इसकी सीमा में बाहर रखा जाएगा।

अनपरा तापीय परियोजना के कार्य और परामर्श पर खर्च होंगे 237 करोड़

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन इकाई की अनपरा तापीय परियोजनाओं के कार्य एवं परामर्श पर होने वाले व्यय 237 करोड़ 11 लाख रुपये के प्रस्ताव को कैबिनेट ने अनुमोदित किया है। इस कार्ययोजना की लागत का 70 प्रतिशत प्रबंध संस्थागत वित्त से तथा 30 प्रतिशत की राशि शासकीय अंश पूंजी से दी जाएगी। 70 फीसद वित्त पोषण के लिए वित्तीय संस्थाओं से कर्ज लेने की स्वीकृति हेतु शासकीय गारंटी पर भी कैबिनेट ने अनुमोदन किया है।

मेरठ में 400 केवी एवं 200 केवी लाइनों के निर्माण पर खर्च होंगे 239 करोड़

मेरठ के 765 केवी विद्युत उपकेंद्र से संबंधित 400 केवी एवं 200 केवी लाइनों के निर्माण के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यह निर्माण कार्य 239 करोड़ 96 लाख रुपये की लागत से होगा। इन लाइनों के निर्माण कार्य के लिए वित्तीय संस्थाओं से कर्ज लिया जाएगा।

तीन विधेयकों को कैबिनेट की मंजूरी

कैबिनेट ने विधान मंडल में पेश किये जाने वाले तीन विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दे दी है। विधान मंडल से पारित कराने के लिए उत्तर प्रदेश भू-गर्भ जल (प्रबन्धन और विनियमन) विधेयक, 2019 का प्रारूप कैबिनेट की मंजूरी के लिए आया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था अधिनियम-1975 में संशोधन करते हुए उत्तर प्रदेश जल संभरण तथा सीवर व्यवस्था (संशोधन) विधेयक, 2019 को विधान मंडल के तृतीय सत्र में पेश करने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है। उप्र राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2019 पारित किये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।

निवेश बढ़ाने को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में बदलाव

उत्तरप्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूर कर दिया है। बड़े उद्यमियों को निवेश के प्रति आकर्षित करने के लिए नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग इकाइयों की पांच वर्ष की मंडी शुल्क सीमा को बढ़ाकर दस वर्ष किया गया है। शुरुआती पांच वर्षों के बाद अगले पांच वर्ष के लिए उप्र औद्यौगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत स्टेट जीएसटी और मंडी शुल्क के रूप में जमा कुल धनराशि की प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह पैसा विभाग अपने बजट से देगा। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत जिन इकाइयों को अनुदान दिया गया है, उनकी सहायता के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट एजेंसी की व्यवस्था की जाएगी।


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