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उपचुनाव में मेरे खिलाफ थी सरकारी मशीनरी, मशीनों की खराबी से हार : मृगांका

भाजपा प्रत्याशी रहीं मृगांका सिंह ने चुनाव में सरकारी मशीनरी पर सवाल उठाकर नई बहस छेड़ दी है। उनका मानना है कि पुनर्मतदान उनकी हार की वजह है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 09:12 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 11:26 AM (IST)
उपचुनाव में मेरे खिलाफ थी सरकारी मशीनरी, मशीनों की खराबी से हार : मृगांका
उपचुनाव में मेरे खिलाफ थी सरकारी मशीनरी, मशीनों की खराबी से हार : मृगांका

शामली (जेएनएन)। कैराना लोकसभा उपचुनाव में करारी हार को लेकर भाजपा हाईकमान गहन समीक्षा कर रहा है। इसी बीच दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की पुत्री व भाजपा प्रत्याशी रहीं मृगांका सिंह ने चुनाव में सरकारी मशीनरी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाकर नई बहस छेड़ दी है। उनका मानना है कि पुनर्मतदान उनकी हार की वजह है। शुक्रवार को अपने मायापुर स्थित फार्महाउस पर मृगांका सिंह ने जागरण संवाददाता लोकेश पंडित से चुनाव को लेकर बातचीत की। प्रस्तुत है उसके प्रमुख अंश :

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  • कैराना उपचुनाव में हार का क्या कारण मानती हैं आप?

इस बात में कोई शक नहीं है कि मोदी-योगी राज में विकास की नई इबारत लिखी गई है, लेकिन विपक्ष के एकजुट होने से वोटों का धुव्रीकरण हुआ। इसी कारण विपरीत परिणाम आए हैं।

  • पुलिस-प्रशासन पर आप आतंक फैलाने का आरोप लगा रही हैं, ऐसा क्यों?

उपचुनाव में सरकारी मशीनरी ने मेरे खिलाफ काम किया। लाठियां मारकर मेरे समर्थक मतदाताओं को खदेड़ दिया, उनके घरों में तोडफ़ोड़ की गई। मेरे क्षेत्र में मशीनें खराब हुई, वहां पुनर्मतदान नहीं कराया गया। डीएम-एसएसपी ने फोन तक नहीं उठाए। 

  • केन्द्र-प्रदेश में भाजपा की सरकार है, फिर पुलिस-प्रशासन क्यों खिलाफ हो गया?

इसी सवाल का जवाब मैं चाहती हूं। पार्टी नेतृत्व व सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। अधिकारियों को जवाब देना होगा।

  • वीवीपैट खराब होने व पुनर्मतदान पर महागठबंधन ने पक्षपात का आरोप लगाया है, आप इस बारे में क्या सोचती हैं?

पुनर्मतदान में महागठबंधन का नहीं, मेरा नुकसान हुआ। शामली शहर में 26 बूथ पर वीवीपैट मशीन खराब रही, वहां पुनर्मतदान नहीं कराया गया। शामली में पांच व सहारनपुर में 68 बूथ पर पुनर्मतदान हुआ। इसी से मेरी हार हुई। सहारनपुर में महागठबंधन को लाभ मिला। यह सोची-समझी साजिश थी।

  • चुनाव में जिन्ना-गन्ना का नारा हावी रहा, क्या गन्ना भी हार की वजह है?

गन्ना नीति पर सरकार ने अच्छा काम किया। यह नारा विरोधियों की राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश है। जनता इसे समझ गई। सात हजार करोड़ रुपया मिलने से किसानों को और राहत मिलेगी।

  • रणनीति में क्या कमी रही जो, चुनाव के परिणाम विपरीत रहे?

विपक्ष का जो जातीय समीकरण था, उसकी काट केवल मतदान फीसद था। 52 फीसद मतदान यदि 60 फीसद तक पहुंच जाता तो जीत होती। मतदाता के उदासीन रहने, रालोद के अस्तित्व बचाओ के नारे से लोग थोड़ा भावुक हो गए, इससे नुकसान हुआ। 


  • अस्तित्व बचाओ और एकजुट विपक्ष से 2019 में क्या हालात रहेंगे। 2019 में क्या फिर चुनाव लड़ेंगी?

2019 में एकजुट विपक्ष कोई करिश्मा नहीं कर पाएगा। केन्द्र में पीएम मोदी की फिर भारी बहुमत से सरकार बनेगी। पार्टी का आदेश हुआ तो फिर कैराना से चुनाव लडूंगी।

  • जिन अधिकारियों से शिकायत है, उनके खिलाफ क्या सबूत हैं ?

पार्टी नेतृत्व को अधिकारियों के खिलाफ सबूत सहित शिकायत की है। ऐसे अधिकारी अब सहारनपुर-शामली में रह नहीं पाएंगे।


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