Defence Expo 2020 : नकली चेहरे से न छिपेगी असली सूरत, फ्रांस की कंपनी ने बनाया साफ्टवेयर
फोटो या आइडी के साथ छेड़छाड़ करने पर चल जाएगा पता नकली चेहरे से न छिपेगी असली सूरत फ्रांस की कंपनी ने तैयार किया साफ्टवेयर
लखनऊ, जेएनएन। देश और दुनिया में लगातार बढ़ रही आतंकी गतिविधियों और तकनीक के इजाफे से इनको रोकना आसान नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों के सामने भी घटनाओं को रोकने की चुनौती है। ऐेसे में फ्रांस की एक कंपनी ने ऐसा इंटीग्रेटेड सिस्टम तैयार किया है जिसके जरिए किसी आइडी में इस्तेमाल फोटो से छेड़छाड़ या उसके मिलान नहीं होने की जानकारी चंद सेकेंड में मिल जाएगी। एयरपोर्ट और संवेदनशील स्थानों के लिए यह बेहद कारगर साबित हो सकता है।
दुनिया भर में आतंकी संगठन और खुफिया एजेंसियां फर्जी दस्तावेजों और पासपोर्ट आदि पर एक देश से दूसरे जगह फरार हो जाते हैं। साथ ही तमाम संवेदनशील और अहम स्थान होते हैं जहां पर किसी का अनाधिकृत प्रवेश वर्जित होता। ऐसे स्थानों में अगर कोई फर्जी पहचान पत्र या फोटो के आधार पर प्रवेश करने की कोशिश करेगा तो तत्काल सिस्टम बता देगा।
डिफेंस एक्सपो में आए कंपनी के इंजीनियरों का कहना है कि यह एक तरह का साफ्टवेयर है जो किसी भी डेटा का एनालिसिस कर उसे पहचान लेगा। अगर कोई फोटो से छेड़छाड़ कर उसे बदलने की कोशिश करेगा तो तत्काल कंप्यूटर उसकी जानकारी देगा। एयरपोर्ट और सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा के लिए बेहद अहम है।