भूमि अधिग्रहण से आहत किसान फांसी पर झूला
उन्नाव, जागरण संवाददाता : आगरा एक्सप्रेस-वे के लिए चल रही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में शामिल एक
लखनऊ। उन्नाव में आगरा एक्सप्रेस-वे के लिए अधिग्रहीत जमीन का कम मुआवजा मिलने से सदमे में आए एक किसान ने शनिवार को फांसी लगाकर जान दे दी। वाजिब मुआवजा दिलाने के लिए उसने कोर्ट में भी अर्जी लगा रखी थी।
आसीवन थाना क्षेत्र के गांव देवखेड़ा निवासी राम औतार अपने बड़े पुत्र अनिल के साथ रहता था। शनिवार सुबह रामऔतार ने घर के बरामदे में छत पर लगे कुंडे से फांसी लगाकर जान दे दी।
गांव वालों और परिजनों के मुताबिक आगरा एक्सप्रेस-वे के लिए हो रहे भूमि अधिग्रहण में राम औतार की करीब दो बीघा जमीन भी आ रही थी। मानक के अनुसार उसका आठ लाख मुआवजा तय हुआ, जबकि दूसरे गांवों के किसानों को 12 से 18 और 28 लाख रुपये तक का मुआवजा मिल रहा था। इसे लेकर वह काफी क्षुब्ध था और जमीन नहीं बेचना चाहता था। इस बाबत उसने क्षेत्र के 102 किसानों के साथ हाईकोर्ट में रिट भी दायर की थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पक्ष रखने के लिए कुछ और समय मांगा इससे अदालत ने तारीख दे दी। आरोप है कि लेखपाल व अन्य राजस्व कर्मी रामऔतार पर बैनामा करने का लगातार दबाव बना रहे थे। इसी से क्षुब्ध होकर उसने फांसी लगा कर जान दे दी।
घटना के बाबत तहसीलदार हसनगंज प्रमोद कुमार झा ने कहा कि किसानों पर जमीन के लिए दबाव जैसा कुछ भी नहीं है। नियमों के आधार पर ही जमीन की कीमत तय की गई है। वहीं, पुलिस के मुताबिक मृतक के छोटे बेटे सुनील ने जो तहरीर दी है उसमें पिता की लंबी बीमारी से परेशान होकर जान देने की बात कही गई है। उसी सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई है।