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KGMU: कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए बना पहला वर्चुअल फोरम, अभिभावक व डॉक्टर कर सकेंगे आमने-सामने चर्चा

कैंकिड्स संस्था की सहायता से केजीएमयू के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक बाल विभाग में पहला वर्चुअल फोरम आयोजित किया गया। जिसमें कैंसर पीड़ित बच्चों के माता-पिता बच्चों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए पहली बार वर्चुअल मंच पर आमने-सामने मौजूद रहे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 06:37 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 06:37 AM (IST)
KGMU:  कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए बना पहला वर्चुअल फोरम, अभिभावक व डॉक्टर कर सकेंगे आमने-सामने चर्चा
केजीएमयू में कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए अनोखी पहल।

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए अनोखी पहल की शुरुआत की गई। जिसके जरिए न सिर्फ बच्चों को बल्कि उनके अभिभावकों को भी राहत मिली। किसी ने दवा, किसी ने कीमोथेरेपी और किसी ने इलाज से जुड़े अन्य सवाल पूछे। कैंकिड्स संस्था की सहायता से केजीएमयू के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक, बाल विभाग में पहला वर्चुअल फोरम आयोजित किया गया। जिसमें कैंसर पीड़ित बच्चों के माता-पिता बच्चों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा करने के लिए पहली बार वर्चुअल मंच पर आमने-सामने मौजूद रहे।

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केजीएमयू के पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी यूनिट में एसोसिएट प्रोफेसर व इंचार्ज डॉ. निशांत वर्मा ने कहा कि जैसा कि सभी जानते हैं कि करोना महामारी एक ऐसी परिस्थिति है जिसको बदला नहीं जा सकता है। आज सारी दुनिया कोरोना नामक महामारी से जूझ रही है। जिसके चलते करीब तीन से चार महीने का लॉकडाउन घोषित किया गया था। ऐसे में, सैंकड़ों कैंसर पीड़ित बच्चे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने में असमर्थ थे। वहीं, बहुत से बच्चों को इलाज मिलने में भी बहुत देरी हुई। लेकिन जैसे ही स्थितियां नियंत्रण में आईं वे सभी बच्चे जो कोरोना काल के दौरान कुछ समय के लिए अस्पताल नहीं पहुंच पाए थे। मगर अब वे अस्पताल में इलाज के लिए आने लगे हैं।
बावजूद इसके आज भी स्थितियां ऐसी हैं कि कैंसर पीड़ित बच्चे अस्पताल में ज्यादा देर तक नहीं रुक सकते हैं। दवा लगने के थोड़ी देर बाद उन्हें घर भेज दिया जाता है। ऐसी स्थिति में बहुत से ऐसे सवाल हैं जो माता-पिता के मन में उठते रहते हैं पर वे हॉस्पिटल टीम से पूछ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में, कैंसर पीड़ित बच्चों के इलाज से संबंधित ऐसे तमाम सवालों को डॉक्टरों व हॉस्पिटल टीम तक पहुंचाने के लिए कैंकिड्स संस्था की सहायता से डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी बाल विभाग ने पहला वर्चुअल फोरम आयोजित किया। जिसमें पैनलिस्ट डॉक्टरों संग बच्चों के माता-पिता व बच्चों ने भी डिजिटल मंच पर चर्चा की व फोरम पर आकर अपने सवाल पैनलिस्ट से पूछे। डॉ. निशांत वर्मा ने कहा कि पहली बार इस फोरम को आयोजित करने के बाद हमें अच्छे परिणाम मिले हैं। इस तरह के  डिजिटल फोरम की हमें भविष्य में भी जरूरत पड़ेगी और आगे भी इसे किया जाएगा।
वहीं, कैंकिड्स की प्रोग्राम मैनेजर प्रीति रस्तोगी ने कहा कि बच्चों का इलाज कर रहे डॉक्टरों द्वारा सवालों के संतोषपूर्ण उत्तर पाकर सब बेहद खुश थे। अभी तक जो अभिभावक सवाल पूछने में हिचकिचाते थे, उन्होंने भी खुलकर अपने सवाल पैनल टीम से पूछे व उत्तर प्राप्त कर संतुष्ट हुए। 
फोरम के पैनलिस्ट में डॉ. निशांत वर्मा, डॉ. अर्चना कुमार, डॉ. पुष्पा भाटिया, डाइटिशियन अलीमा, फातिमा, साइकोलॉजिस्ट नीलेश व नेहा और कैंकिड्स की प्रोग्राम।मैनेजर प्रीती रस्तोगी सहित लगभग 50 कैंसर पीड़ित बच्चों के माता-पिता व 15 कैंसर सरवाइवर्स शामिल हुए।

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