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लखनऊ में राज होटल के मालिक के ड्राइवर ने चौथे तल से लगाई छलांग, मौत

लखनऊ में हुसैनगंज स्टेशन रोड स्थित राज होटल के मालिक के ड्राइवर ने शनिवार को अपरान्ह होटल के तीसरे तल से छलांग लगा दी। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और कर्मी को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल ले गई जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।

By Dharmendra MishraEdited By: Published: Sat, 29 Jan 2022 03:48 PM (IST)Updated: Sat, 29 Jan 2022 08:38 PM (IST)
लखनऊ में राज होटल के मालिक के ड्राइवर ने चौथे तल से लगाई छलांग, मौत
लखनऊ के होटल में मालिक के ड्राइवर ने तीसरे तल से लगाई छलांग।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। हुसैनगंज में बर्लिंगटन चौराहे के पास स्थित राज होटल के चौथे तल से शनिवार दोपहर 50 वर्षीय ड्राइवर मेराज अहमद ने कूदकर जान दे दी। वह करीब 35 साल से होटल के मालिक की गाड़ी चला रहा थे। मेराज मूल रूप से कानपुर के चमनगंज इलाके के रहने वाले थे। सूचना पर एसीपी हजरतगंज अखिलेश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर हुसैनगंज इंस्पेक्टर कृष्णवीर सिंह ने मौके का निरीक्षण किया। पुलिस आत्महत्या के कारणों की पड़ताल कर रही है।

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कानपुर के चमनगंज सईदाबाद में रहने वाले मेराज अहमद ड्राइवर थे। वह करीब 35 साल से राज होटल के मालिक कमल जायसवाल की कार चलाते थे। काम के कारण मेराज होटल में ही चौथे तल पर रहते थे। शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे मेराज ने चौथे तल से छलांग लगा दी। मुख्य मार्ग पर खून से लथपथ मेराज को पड़ा देख आस पड़ोस के लोगों की भीड़ जुट गई। शोर शराब सुनकर होटल के कर्मचारी भी बाहर आ गए। आनन फानन घायलावस्था में मेराज को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे। सिविल में इलाज के दौरान कुछ ही देर में मेराज की मौत हो गई।

होटल से कर्मचारी के कूदने की सूचना पर एसीपी हजरतगंज और इंस्पेक्टर हुसैनगंज ने पुलिस बल के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया। सूचना मिलते ही कैंट विधायक सुरेश तिवारी भी पहुंचे। एसीपी ने बताया कि मेराज ने किन कारणों से आत्महत्या की है। इसकी जांच की जा रही है। जो भी तथ्य जांच में आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मेराज के परिवारजन को सूचना दे दी गई है।

घटना के समय खाना खाने गए थे कर्मचारी

होटल की रिसेप्शनिस्ट सुनीता निगम ने बताया कि घटना के समय वह और अन्य कर्मचारी खाने खाने गए थे। रिसेप्शन पर कंप्यूटर आपरेटर थे। होटल का मुख्य गेट बंद था। एकाएक बाहर सड़क पर किसी के गिरने की सूचना आई तो कंप्यूटर आपरेटर बाहर निकले उन्होंने देखा कि मेराज खून से लथपथ पड़े हैं। उन्होंने अन्य कर्मचारियों और मालिक को सूचना दी। आनन फानन मेराज को अस्पताल ले जाया गया था।

बहुत खुशमिजाज था मेराज

पड़ोस की एक दुकान में काम करने वाले कर्मचारी अवधेश सिंह ने बताया कि मेराज बहुत खुशमिजाज और मिलनसार था। कई साल पहले वह भी होटल में काम करते थे। उनकी और मेराज की बहुत अच्छी दोस्ती थी। मेराज ने क्यों आत्महत्या की है यह बात कुछ समझ नहीं आ रही है।


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