Shri Ram Mandir Ayodhya: राम नाम पर मर मिटने वाले परिवार का पूरा होगा सपना
Shri Ram Mandir Ayodhya राम मंदिर निर्माण की पीएम के हाथों शुरुआत ही सच्ची श्रद्धाजंलि। मोदी के भूमि पूजन करने की सूचना से उल्लसित हुतात्मा का परिवार।
अयोध्या [प्रहलाद तिवारी]। Shri Ram Mandir Ayodhya: यूं तो रामनगरी में पीएम नरेंद्र मोदी के पांच अगस्त को आगमन का कार्यक्रम फाइनल होने के बाद पूरे जिले में हर्षोल्लास का माहौल है। हर कोई प्रधानमंत्री के आगमन व भूमि पूजन करने की सूचना से आह्लादित है, लेकिन शुजागंज कस्बे में यह उल्लास चौगुना है। आखिर हो क्यों न, कारसेवा के दौरान कस्बा निवासी युवक रामअचल गुप्त के सुरक्षाबलों की गोली का शिकार होने से राम मंदिर आंदोलन के इतिहास में यह कस्बा शुमार हुआ था। मंदिर निर्माण का सपना संजोए हुतात्मा की पत्नी राजकुमारी का मनोरथ पूर्ण होने की तिथि करीब आ चुकी है।
अब पांच अगस्त को रामनाम पर मर मिटने वाले परिवार का सपना पूरा होने जा रहा है। पत्नी का कहना है कि राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से उनके पति की आत्मा को शांति मिलेगी। पीएम मोदी के हाथों से मंदिर का भूमिपूजन होना सच्ची श्रद्धांजलि होगी। दो नवंबर 1990 का दिन शुजागंज कस्बे के लिए ऐतिहासिक दिन बन गया। इस दिवस ने रामजन्म भूमि आंदोलन से शुजागंज कस्बे का अटूट रिश्ता जोड़ दिया था। महज 26 वर्ष का नौजवान राम अचल गुप्ता अपने दो दर्जन कारसेवक साथियों के साथ 30 अक्टूबर को यहां से कारसेवा करने रामनगरी पहुंचा था। दो नवंबर को पुलिस की गोली का शिकार होने के बाद उसकी मौत हो गयी थी।
राम के सहारे काटा जीवन, राम मंदिर में पूजन अंतिम इच्छा
हुतात्मा रामअचल की पत्नी राजकुमारी की संघर्ष गाथा सुनकर कोई भी विचलित हो सकता है। वह बताती हैं कि राम पर अटूट विश्वास के सहारे ही तीन मासूम बच्चों को लेकर जीवन पथ पर चल पड़ीं। अनेक तकलीफें सहते हुए बच्चों को पढ़ाया लिखाया। दो पुत्र संजय व संदीप पुत्री ममता की परवरिश कर शादी की। बड़ा पुत्र संजय गुप्ता बताता है कि पिता की मौत के वक्त उसकी उम्र महज पांच वर्ष थी। किराना की दुकान चला कर परिवार का भरण पोषण हो रहा है। उनकी आखिरी इच्छा अब भव्य राम मंदिर में पूजन करना है। भूमि पूजन की तिथि निश्चित होने का समाचार जिस दिन से परिवार को मिला है, पूरा परिवार हर्षातिरेक में डूबा है।