Coronavirus Effect : इलाहाबाद हाई कोर्ट में 15 तक नहीं बैठेंगी अदालतें, अतिआवश्यक मामलों की होगी सुनवाई
प्रयागराज और लखनऊ में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है। इसके चलते इलाहाबाद हाई कोर्ट में 12 13 और 14 अगस्त को अदालतें नहीं बैठेंगी।
लखनऊ, जेएनएन। प्रयागराज और लखनऊ में कोरोना वायरस के संक्रमण का प्रकोप निरंतर बढ़ रहा है। इसके चलते इलाहाबाद हाई कोर्ट में 12, 13 और 14 अगस्त को अदालतें नहीं बैठेंगी। इन दिनों केवल अतिआवश्यक मामलों की सुनवाई होगी। उक्त तीनों दिन न्यायिक व प्रशासनिक कार्य भी नहीं होंगे।
केवल नए दाखिल मुकदमों व बैकलाग को निपटाने के लिए रिपोर्टिंग अनुभाग सीमित स्टाफ से कार्य करेगा। इलाहाबाद में मुख्य न्यायाधीश व लखनऊ पीठ में वरिष्ठ न्यायमूर्ति मुकदमों की सुनवाई करेंगे। इनके अलावा अन्य अदालतें नहीं बैठेंगी। साथ ही 12, 13, 14, 15 व 16 अगस्त को शारीरिक रूप से उपस्थित होकर मुकदमों का दाखिला भी नहीं हो सकेगा।
मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर द्वारा पारित इस आदेश की अधिसूचना महानिबंधक अजय कुमार श्रीवास्तव ने जारी की है। इसके तहत 12 व 13 अगस्त को सुने जाने वाले मुकदमें 17 व 18 अगस्त को सुने जाएंगे। जबकि 10 अगस्त के मुकदमें भी 18 अगस्त को सुने जाएंगे। इसी प्रकार 14, 17 व 18 अगस्त के मुकदमे 25, 26 व 27 अगस्त को सुने जाएंगे। जबकि पांच से 14 अगस्त की घोषित विशेष पीठें 21 अगस्त तक जारी रहेंगी।
हाल ही में मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर के आदेश पर महानिबंधक ने हाई कोर्ट के सभी कर्मचारियों अधिकारियों को कोरोना वायरस की जांच कराने का निर्देश दिया था। जांच के बाद भारी संख्या में स्टाफ के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने पर यह निर्णय लिया गया है। वहीं प्रदेश में भी कोरोना वायरस के संक्रमण बढ़ता जा रहा है। राज्य में जैसे-जैसे जांच का दायरा बढ़ रहा है, वैसे-वैसे संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है।
वर्तमान में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या एक लाख के पार हो गई है, जबकि प्रतिदिन चार हजार से ज्या संक्रमित केस मिल रहे हैं। अभी तक 1.18 लाख मरीज मिल चुके हैं। कुल संक्रमित मरीजों में से अब तक 69833 यानी 59 फीसद रोगी स्वस्थ हो चुके हैं । अब एक्टिव केस 46,177 हैं और 2,028 लोगों की मौत हुई है।
बार संगठनों ने किया अदालतें खुली रखने का अनुरोध : कोरोना संक्रमण को देखते इलाहाबाद हाई कोर्ट में इस सप्ताह अदालतें नहीं बैठेंगी। इस पर अधिवक्ता संगठनों ने मुख्य न्यायाधीश से अदालतें खुली रखने की मांग की है। उत्तर प्रदेश जूनियर लायर्स एसोसिएशन ने कहा कि न्याय के दरवाजे बंद नहीं किए जा सकते, वह हमेशा खुले रहने चाहिए। एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके तिवारी व सचिव जीपी सिंह ने मुख्य न्यायाधीश से सुरक्षा उपायों के साथ अदालतें खुली रखने का अनुरोध किया है। कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को कोरोना संक्रमण के फैलाव के डर से बंद करना न्याय के दरवाजे बंद करने जैसा होगा।
उत्तर प्रदेश जूनियर लायर्स एसोसिएशन ने कहा कि कोर्ट के बंद होने से निरंकुश शासन व्यवस्था आम लोगों पर अत्याचार करेगी। साथ ही समाज में अराजकता फैलेगी। कहा कि अदालतें बंद होने से वकीलों, मुंशियों व टाइपिस्टों का जीवनयापन करना मुश्किल होता जा रहा है। सरकार इनका ध्यान नहीं रख रही। प्रयागराज अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष एनके चटर्जी व महासचिव राजेश त्रिपाठी, अधिवक्ता समन्वय समिति के अध्यक्ष बीएन सिंह व प्रमेंद्र प्रताप सिंह व यंग लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार त्रिपाठी व उपाध्यक्ष बीडी पांडेय ने भी सुरक्षा उपायों के साथ अदालतों को खोलने की मांग की है।