कैदी के बेटे को गोली मारने वाला सिपाही डिप्रेशन का शिकार, लखनऊ पुलिस करेगी तथ्यों की जांच
लोहिया इंस्टीट्यूट में हुए हत्याकांड की पड़ताल जारी है। लखनऊ पुलिस के बयानों से सीतापुर पुलिस पूरी तरह से सवालों के घेरे में है। अगर सिपाही अवसाद में था तो यह गलती सीतापुर पुलिस की है क्योंकि अवसादग्रस्त सिपाही को वहां से कैदी की सुरक्षा में कैसे भेजा गया।
लखनऊ, जेएनएन। हत्याकांड की जांच में लगे इंस्पेक्टर विभूतिखंड का कहना है कि सिपाही अवसाद में लग रहा है। उसके बयानों में विरोधाभाष है। उसका मानसिक परीक्षण भी कराया जाएगा। हालांकि सिपाही से पूछताछ की जा रही है। सभी बिंदुओं पर हत्याकांड की पड़ताल जारी है। लखनऊ पुलिस के बयानों से सीतापुर पुलिस पूरी तरह से सवालों के घेरे में है। अगर सिपाही अवसाद में था तो यह गलती सीतापुर पुलिस की है क्योंकि अवसादग्रस्त सिपाही को वहां से कैदी की सुरक्षा में कैसे भेजा गया। जिसने हत्या की आशंका से ही कैदी के बेटे को मार डाला।
इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि आरोपित सिपाही आशीष मिश्रा का कहना है कि उसे प्रवीण से जान का खतरा था। कई दिनों से उससे अकसर उसका प्रवीण से झगड़ा हो रहा था। प्रवीण अपने पास तमंचा भी रखे था। सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर मामले की जांच कर कार्यवाही की जाएगी। इस मामले में सीतापुर पुलिस से भी सिपाही के व्यवहार की आचरण की रिपोर्ट मांगी गई है। 2016 बैच का है सिपाही, चार साल से सीतापुर पुलिस लाइन में तैनाती पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि आशीष 2016 बैच का सिपाही है। वर्ष 2017 से वह पुलिस लाइन सीतापुर में तैनात है। सीतापुर एसपी से इस संबंध में बात कर उसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है। सिपाही ने अपने बयान में कहा कि उसका दोपहर को प्रवीण से झगड़ा हुआ था। इस कारण उसने प्रवीण का ही तमंचा छीनकर उसे गोली मार दी। मौके से कारतूस बरामद पर नहीं मिला तमंचा पुलिस ने मौके से एक कारतूस बरामद किया है। कारतूस 315 बोर का बताया जा रहा है। हालांकि तमंचा अभी तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। बड़ी बात यह है कि अस्पताल में तमंचा कहां से पहुंचा। इंस्पेक्टर ने बताया कि तमंचा कैदी के बेटे प्रवीण के पास था। सिपाही ने भी बयान में यही बताया कि उसने प्रवीण का ही तमंचा छिनाकर उसे गोली मारी है। इंस्पेक्टर ने बताया कि सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। सिपाही का मानसिक परीक्षण भी कराया जाएगा।
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अस्पताल की सुरक्षा में उठे सवाल: सरे शाम सिपाही के द्वारा कैदी के बेटे की लोहिया अस्पताल में हत्या अस्पताल प्रबंधन और सुरक्षा पर सवाल उठाती है। देखने को दो अस्पताल में सुरक्षा कर्मी भी तैनात हैं। पर अस्पताल में तमंचे से हत्या वहां सुरक्षा की कलई खोलती है। यह घोर लापरवाही अस्पताल प्रबंधन की भी है।