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हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश के पेट में मारी गई थी गोली, पीठ पर सबसे ज्यादा चोट के निशान

लखनऊ में हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अाई पेट में मिली एक गोली पूरे शरीर पर मिले चोट के निशान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 07:20 PM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 07:20 PM (IST)
हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश के पेट में मारी गई थी गोली, पीठ पर सबसे ज्यादा चोट के निशान
हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश के पेट में मारी गई थी गोली, पीठ पर सबसे ज्यादा चोट के निशान

लखनऊ, जेएनएन। हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश के पेट में मनीष ने गोली मारी थी। पोस्टमार्टम के दौरान मनीष के पेट से एक गोली मिली है। इसके अलावा उसके पूरे शरीर में पिटाई से चोटों के निशान हैं। सबसे अधिक पिटाई से चोट के निशान पीठ पर हैं। इसके अलावा उसके चेहरे, सिर और हाथ में भी पाए गए हैं।

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गुरुवार शाम पोस्टमार्टम के बाद उसके पिता उमकांत यादव, चाचा रमाकांत और चचेरे भाई रामजन्म शव लेकर परिवारीजनों और रिश्तेदारों के साथ अंतिम संस्कार करने गृह जनपद गोरखपुर चले गए। एक हफ्ते पहले बेटा आया लखनऊ, उसे फंसाया जा रहा है पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव के पिता उमाकांत ने बताया कि बेटा एक हफ्ते पहले ही लखनऊ आया था। बेटे पर रुपए लेकर नौकरी लगवाने का आरोप निराधार है। आरोपितों पर कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए। उमाकांत ने बताया कि दुर्गेश उनका इकलौता बेटा था। परिवार में दुर्गेश के अलावा उसकी पत्नी अनीता, बेटी आर्या (5) और बेटा आरु (3) है। उन्होंने बताया कि परसो बेटे के फोन पर बात हुई थी। उसने चार-पांच दिन बाद आने के लिए कहा था।वह लखनऊ में चार साल से रह रहा था। आरोप है कि बेटे की फर्जी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। उन्होंने बताया कि वह दुर्गेश के हत्यारोपित मनीष, पायल ठाकुर समेत अन्य में से किसी को नहीं जानते हैं। उमाकांत के मुताबिक बेटे दुर्गेश का काम के सिलसिले में सचिवालय में आनाजाना था। पर उसने रुपए लेकर नौकरी के नाम पर ठगी की इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा पोस्टमार्टम हाउस में दुर्गेश के चाचा रमाकांत यादव, चचेरा भाई रामजन्म व अन्य परिवारीजन मौजूद रहें। 11 अगस्त को पौत्री के जन्मदिन पर घर मे ही था बेटा : उमाकांत ने बताया कि 11 अगस्त को पौत्री आर्या का घर पर जन्मदिन था। दुर्गेश व सभी परिवारीजनों ने घर पर पार्टी की थी। हंसी खुशी का माहौल था। बेटा कुछ दिन तक घर पर रह फिर एक हफ्ते पहले लखनऊ आ गया था।


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