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UP में मजबूत हो रहा टेरर फंडिंग का नेटवर्क, आतंकियों तक पहुंच रही ऑनलाइन फ्रॉड की रकम

उत्तर प्रदेश में नेपाल के रास्ते जुड़े टेरर फंडिंग नेटवर्क के सामने आने के बाद जांच एजेंसियों के साथ खुफिया इकाइयां भी सक्रिय हो गई हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 08:18 AM (IST)
UP में मजबूत हो रहा टेरर फंडिंग का नेटवर्क, आतंकियों तक पहुंच रही ऑनलाइन फ्रॉड की रकम
UP में मजबूत हो रहा टेरर फंडिंग का नेटवर्क, आतंकियों तक पहुंच रही ऑनलाइन फ्रॉड की रकम

लखनऊ [आलोक मिश्र]। उत्तर प्रदेश में नेपाल के रास्ते जुड़े टेरर फंडिंग नेटवर्क के सामने आने के बाद जांच एजेंसियों के साथ खुफिया इकाइयां भी सक्रिय हो गई हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने लखीमपुर में पकड़े गए टेरर फंडिंग के चारों आरोपितों से सीधे पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है। एटीएस सोमवार को कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर चारों की कस्टडी रिमांड की मांग करेगी। नेपाल पुलिस से भी संपर्क कर वहां पकड़े गए दोनों आरोपितों और नेपाल में हुए 49 लाख के बैंक फ्राड का ब्योरा मांगा गया है।

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टेरर फंडिंग में मांस सप्लाई करने वाली कई विदेशी एजेंसियां भी पहले सक्रिय रही हैं। नकली नोट के कारोबार के जरिये भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ नेपाल व बांग्लादेश के रास्ते टेरर फंडिंग का नेटवर्क संचालित करती रही है। पिछले कुछ सालों में आइएसआइ ने टेरर फंडिंग में सोशल मीडिया को अपना नया हथियार बनाया है। यूपी के कई शहरों से लेकर जम्मू-कश्मीर तक इस नेटवर्क के तार जुड़े हैं।

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एटीएस ने करीब एक साल पहले लखनऊ, गोरखपुर, प्रतापगढ़ व रीवा से 10 आरोपितों को गिरफ्तार कर टेरर फंडिंग के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था। बीते दिनों फर्जी नाम-पतों पर जम्मू, पुलवामा, श्रीनगर व बारामूला के अलग-अलग बैंकों में खोले गए खातों में टेरर फंडिंग की रकम भेजने की जांच की गई थी।

दरअसल, आइएसआइ के इस नियोजित नेटवर्क की परतें खंगालने में जुटी एटीएस के हाथ कुछ माह पूर्व पाकिस्तान से संचालित आतंकी फंडिंग नेटवर्क की अहम कड़ी रहा आरोपित उमा प्रताप सिंह उर्फ सौरभ लगा था। जांच में सामने आया था कि सौरभ पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के सीधे संपर्क में था और उनके निर्देश पर ही काम करता था। एटीएस ने सरगना सौरभ को रीवा से गिरफ्तार किया था। उसने भोपाल व रीवा के कई छात्रों के खातों के जरिए भी मोटी रकम का ट्रांजेक्शन करवाने की बात भी स्वीकार की थी। गिरोह ऑनलाइन फ्राड कर उसकी रकम एक खाते से दूसरे खाते में पहुंचाने का काम करता था। पाकिस्तान में सिमबॉक्स के अवैध नेटवर्क के जरिये कालिंग की जाती थी और उत्तर प्रदेश व मप्र में खुलवाए गए खातों में फ्राड की रकम ट्रांसफर होती थी। एटीएस नेपाल के रास्ते टेरर फंडिंग का नेटवर्क चला रहे आरोपितों के तार अब पहले पकड़े गए गिरोहों से भी जोड़कर देख रही है।


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