दुधवा टाइगर रिजर्व में हाथी के परिवार में पांच साल बाद आईं खुशियां, टेरेसा की बच्ची के नामकरण के लिए यहां भेजें सुझाव
उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिजर्व में हाथियों के परिवार में पांच साल बाद खुशियां आईं हैं। यहां हथिनी टेरेसा ने एक बच्ची को जन्म दिया है। वन विभाग ने इस नन्हें हाथी के नामकरण के लिए इंटरनेट मीडिया पर आमजन से नाम भेजने के लिए कहा है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के दुधवा टाइगर रिजर्व में हाथियों के परिवार में पांच साल बाद खुशियां आईं हैं। यहां हथिनी टेरेसा ने एक बच्ची को जन्म दिया है। वन विभाग ने इस नन्हें हाथी के नामकरण के लिए इंटरनेट मीडिया पर आमजन से नाम भेजने के लिए कहा है। 15 फरवरी तक नाम का सुझाव दिया जा सकता है, जिसके सुझाए नाम पर बच्चे का नाम रखा जाएगा उसे वन विभाग पुरस्कृत करेगा।
यूं तो टाइगर रिजर्व में 23 पालतू हाथी हैं। इनमें 17 मादा हैं। इनका उपयोग टाइगर रिजर्व में पेट्रोलिंग के लिए किया जाता है। पर्यटकों को भी हाथी से घुमाया जाता है। कोरोना संक्रमण के कारण, सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करने के लिए पर्यटकों को हाथी से घुमाने का कार्यक्रम स्थगित चल रहा है। टाइगर रिजर्व में बुधवार को पांच वर्षों बाद हथिनी ने बच्ची को जन्म दिया है। मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रोजेक्ट टाइगर कमलेश कुमार ने बताया कि इस हथिनी की मादा बच्ची का नामकरण किया जाना है। वन विभाग ने यह निर्णय लिया है कि इंटरनेट मीडिया व समाचार पत्रों आदि से प्रचार-प्रसार करके इसके लिए सभी लोगों से नाम के सुझाव मांगे जाएं। इसमें कोई भी व्यक्ति नन्हे हाथी के नाम का सुझाव 15 फरवरी तक भेज सकते हैं।
नन्हे हाथी के नाम का सुझाव वाट्सएप नंबर 7839435186 और ई-मेल dudhwanp.palia@gmail.com पर भेजा जा सकता है। जिसके सुझाए नाम पर बेबी हाथी का नाम रखा जाएगा उसे वन विभाग विशेष अतिथि के रूप में बुलाकर पुरस्कृत करेगा।
साल व सागौन के घने व हरे-भरे जंगल से 886 वर्ग किलो मीटर में फैला दुधवा टाइगर रिजर्व देशी-विदेशी पर्यटकों में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। यह बंगाल टाइगर व एक सींघ वाले गैंडों के लिए काफी चर्चित है। दुधवा के जंगल में बाघों के बाद अब हाथियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। दुधवा में अब 70 से बढ़कर हाथियों के कुनबे की संख्या 149 हो चली है। दुधवा जंगल में एकाएक बढ़ी हाथियों की संख्या ने पूरे यूपी में टॉप किया है। प्रदेश में 120 के स्थान पर अब हाथियों की संख्या 352 हो गई है। इतना ही नहीं बड़ी संख्या में नेपाल के हाथियों ने भी जैव विविधता से सराबोर दुधवा के हरे-भरे जंगल को अपना घर बना लिया है।