Tender Scam in UP: पशुधन विभाग का टेंडर घोटाला: सेवानिवृत IPS अफसर अरविंद सेन की पुलिस रिमांड मंजूर
Tender Scam in UPरिमांड पर लेने के बाद पुलिस अब पीएसी में डीआइजी रहे अरविंद सेन की आवाज का नमूना लेगी। अरविंद सेन चार फरवरी को दिन में 12 बजे से पांच फरवरी को दिन में 12 बजे तक पुलिस की रिमांड पर रहेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के पशु पालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा करने वालों के मददगार सेवानिवृत आइपीएस अफसर अरविंद सेन की पुलिस रिमांड मंजूर कर ली गई है। अरविंद सेन की फरारी के दौरान उनपर 50 हजार रुयपा का इनाम रखा और आउटलुट नोटिस जारी होने के बाद अरविंद सेन ने बीते बुधवार को कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद से जेल में बंद अरविंद सेन 24 घंटे की पुलिस रिमांड पर रहेंगे।
रिमांड पर लेने के बाद पुलिस अब पीएसी में डीआइजी रहे अरविंद सेन की आवाज का नमूना लेगी। अरविंद सेन चार फरवरी को दिन में 12 बजे से पांच फरवरी को दिन में 12 बजे तक पुलिस की रिमांड पर रहेंगे। कोर्ट ने मंगलवार को पुलिस को अरविंद सेन की आवाज का नमूना लेने की इजाज़त दी है। एंटी करप्शन कोर्ट ने पुलिस को इसकी इजाजत दी है। सेवानिवृत्त आइपीएस अरविंद सेन की पुलिस कस्टडी रिमांड 24 घंटे के लिए मंजूर हुई है। विवेचक एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने कोर्ट में तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी दी थी। इस पर मंगलवार को न्यायालय ने चार फरवरी को दोपहर 12 बजे से पांच फरवरी को दोपहर 12 बजे तक की रिमांड मंजूर की है। विवेचक की अर्जी पर कोर्ट ने आरोपित अरविंद सेन के आवाज का नमूना लेने की अनुमति भी दे दी है। पुलिस गुरुवार को आरोपित के आवाज का नमूना लेगी। इसके बाद पूछताछ की जाएगी।
गौरतलब है कि एंटी करप्शन कोर्ट ने बुधवार को निलंबित डीआईजी अरविंद सेन को न्यायिक हिरासत में नौ फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया था। भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने यह आदेश पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपियों को बचाने के लिए सेन के 35 लाख रुपये की रिश्वत लिए जाने के आरोप में दिया। अरविंद सेन पर इस बड़े घोटाले में फरार होने के बाद 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था। टेंडर घोटाले में भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित अरविंद सेन के लखनऊ के साथ ही साथ पैतृक आवास अयोध्या में डुगडुगी पिटवाकर फरार घोषित किया था। इसी दौरान सेन ने गिरफ्तारी के डर से उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। जिसे सोमवार को खारिज कर दिया गया।
इसी बीच अरविंद सेन 31 जनवरी को सेवानिवृत भी हो गए। अरविंद सेन को 23 जनवरी तक कोर्ट में हाजिर होने का समय दिया गया था। कुर्की का नोटिस जारी होने के बावजूद अरविंद सेन ने सरेंडर नहीं किया। इसी बीच पुलिस ने अयोध्या में उनकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर ली थी। पुलिस ने कई जगह पर अरविंद के नाम से दर्ज संपत्तियों का ब्योरा निकाला है।
अरविंद सेन पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े के मामले में आरोपित हैं। एसपी सीबीसीआइडी के पद पर रहते हुए अरविंद सेन ने इंदौर के व्यापारी को धमकाया था और टेंडर की जांच होने की बात कही थी। इसके लिए अरविंद सेन को आरोपितों ने मोटी रकम भी दी थी। आरोपितों ने अरविंद के खाते में रुपये स्थानांतरित किए थे। इंदौर के कारोबारी मंजीत सिंह भाटिया ने 13 जून 2020 को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अप्रैल 2018 में वैभव शुक्ला साथी संतोष शर्मा के साथ इंदौर उनके आवास पर मिलने पहुंचे थे। उन्हेंं बताया कि उपनिदेशक पशुपालन व विभागीय मंत्री के करीबी एसके मित्तल अनाज सप्लाई का देना चाहते हैं। इसके बाद में आरोपी आशीष राय ने साथियों मोंटी गुर्जर व अन्य आरोपियों और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार कर 9.72 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की, लेकिन भाटिया को टेंडर नहीं मिला। बाद में इस मामले में विवेचक ने मुख्य आरोपी आशीष राय से पूछताछ की।
आशीष ने बताया कि वादी मंजीत भाटिया ने पैसे के लिए दबाव बनाने लगा तो उसने सीबीसीआईडी के तत्कालीन एसपी अरविंद सेन से मुलाकात की। सेन ने इस मामले को मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये मांगे, लेकिन बातचीत में 35 लाख रुपये देना तय हुआ। इसमें से 5 लाख रुपये आशीष ने अरविंद सेन के खाते में जमा कराए गए थे, शेष रकम नकद में दी गई थी।
31 जनवरी को हो गए सेवानिवृत्त
डीआइजी पद से निलंबित अरविंद सेन 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हो गए। अरविंद सेन वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद हैं। उन पर पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले आरोपितों की मदद का आरोप है। यही नहीं, आरोप है कि उन्होंने पीडि़त व्यापारी इंदौर निवासी मंजीत को टेंडर की सीबीसीआइडी जांच होने की बात कहकर धमकाया भी था। इसके एवज में आरोपित ने रुपये भी लिए थे। अरविंद सेन एफआइआर होने के बाद से फरार थे। कुर्की का आदेश होने के बाद आरोपित ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया था।