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World Arthritis Day : लखनऊ की दस फीसद आबादी गठिया का शिकार, ये चूर्ण देगा आराम Lucknow News

मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि से चिकित्सा जगत भी चिंतित सर्दी में और बढ़ जाती है परेशानी।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 11:51 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 11:51 AM (IST)
World Arthritis Day : लखनऊ की दस फीसद आबादी गठिया का शिकार, ये चूर्ण देगा आराम Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। गठिया रोगियों की तादाद बढ़ रही है। वहीं ठंड में मरीजों की मुश्किलें बढऩा तय है। शहर से लेकर गांव तक, बीमारी दस्तक दे रही है। वहीं लखनऊ शहर की 10 फीसद आबादी आर्थराइटिस से पीडि़त है।

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12 अक्टूबर को वर्ल्ड आर्थराइटिस डे है। इस दौरान केजीएमयू के गठिया रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनुपम वाखलू ने कहा कि गठिया का प्रकोप बढ़ रहा है। संस्थान के चिकित्सकों द्वारा लखनऊ में पांच वर्ष स्टडी की गई थी। इसमें लखनऊ शहर की 10 फीसद आबादी ऑस्टियो आर्थराइटिस की चपेट में मिली। वहीं, गांव में छह फीसद लोग बीमारी की गिरफ्त में हैं। इसमें ग्रामीणों में बीमारी का आकलन करने के लिए गोसाईगंज व मोहनलाल गंज क्षेत्र को चुना गया था। 

अपंगता का शिकार हो रहे मरीज

डॉ. अनुपम वाखलू के मुताबिक, ऑस्टियोआर्थराइटिस (गठिया) लोगों को अपंग कर रही है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज के बाद आर्थराइटिस चौथी ऐसे बीमारी है, जो व्यक्ति को अपंग बना रही है। आर्थराइटिस की चपेट में महिलाएं अधिक हैं। 100 मरीजों में से 60 महिलाएं हैं। इसका कारण, महिलाओं में 50 की उम्र पार मीनोपॉज व स्ट्रोजेन हार्मोन में कमी आना है। वहीं, मोटापा सबसे बड़ा दुश्मन है।

यहां नी आर्थराइटिस अधिक

केजीएमयू के डॉ. आरएन श्रीवास्तव ने कहा कि पश्चिमी देशों में हिप आर्थराइटिस की समस्या अधिक है। वहीं, देश में नी (घुटना) आर्थराइटिस अधिक है। यह दिक्कत घुटनों में कार्टिलेज खत्म होने से होती है।

प्लेटलेट रिच प्लाज्मा से राहत मुमकिन 

लोहिया संस्थान की पेन क्लीनिक में गठिया का इलाज शुरू किया गया है। यहां प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा के जरिये गठिया ठीक किया जाता है। डॉ. अनुराग के मुताबिक मरीज के शरीर का ब्लड लेकर उसमें से प्लेटलेट रिच प्लाज्मा की डोज तैयारी की जाती है। यह मरीज के गठिया या दर्द वाली जगह पर इंजेक्ट किया जाता है। यह रीजनरेटिव थेरेपी कहलाती है। दावा है कि आर्थराइटिस के ग्रेड-टू, ग्रेड-थ्री मरीज में काफी लाभदायक है। इसके अलावा ग्रेड-फोर के मरीजों में बीमारी का आकलन कर थेरेपी देने का फैसला किया जाता है।

आजवाइन का चूर्ण कम करेगा दर्द

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के आयुष विंग के आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. एसके पांडेय मुताबिक लोग आजवाइन, सोंठ, हल्दी, मेंथी को बराबर मात्रा में लें। इसमें अजवाइन को भून लें। इसके बाद सभी को पीस कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को सुबह-शाम आधा चम्मच लें, दर्द में फायदा होगा। 


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