संविदा शिक्षकों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर घेरा मंत्री का आवास, लिखित आश्वासन के बिना लौटने को तैयार नहीं
राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में 13 साल से पढ़ा रहे संविदा शिक्षकों ने नियमितिकरण और एजेंसी के माध्यम से संविदा को न करने की मांग को लेकर शुक्रवार को समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री के आवास का घेराव किया। मंत्री आवास पहुचे शिक्षकों से सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में 13 साल से पढ़ा रहे संविदा शिक्षकों ने नियमितिकरण और एजेंसी के माध्यम से संविदा को न करने की मांग को लेकर शुक्रवार को समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री के आवास का घेराव किया। अचानक मंत्री आवास पहुचे शिक्षकों के हुजूम से सुरक्षाकर्मियों के हाथ पांव फूल गए। आननफानन शिक्षकों को समझाकर घेराव का शांत कराया लेकिन शिक्षक मंत्री से मिलने के लिए उनके आवास के पास डटे रहे। मंजू लता सिंह सहित शिक्षकों के प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री से मुलाकात की। मंत्री ने पूर्व की भांति संविदा चलने का आश्वाशन दिया, लेकिन शिक्षक लिखित आश्वासन की मांग को लेकर मंत्री आवास के पास डटे रहे।
राजकीय आश्रम पद्धति शिक्षक कल्याण समिति की अध्यक्ष मंजू लता सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों शिक्षक सुबह ही मंत्री आवास के पास पहुंच गए थे। मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू होते हर गौतमपल्ली की पुलिस मौके पर पहुंची और शिक्षकों को समझाने का प्रयास किया लेकिन कोई नहीं माना। मंजू लता सिंह ने बताया कि लखनऊ समेत प्रदेश के 102 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों में 1138 संविदा शिक्षकों की तैनाती पिछले 14 वर्षों से है। नियमितीकरण की मांग को लेकर अभी कार्यवाही चल रही थी कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारी निजी संस्थान के माध्यम से संविदा रखने की तैयारियों में जुट गए हैं।
इसकी भनक लगते ही संविदा शिक्षकों ने प्रदर्शन का निर्णय लिया। पुलिस के साथ गरमा-गरम बहंस के बाद मंत्री रामापति शास्त्री से मुलाकात हुई। उन्होंने पूर्व की भांति संविदा चलते रहने का आश्वासन दिया लेकिन लिखित आश्वासन न मिलने से संविदा शिक्षकों में असमंजस की स्थिति है । शिक्षकों का कहना है कि लिखित आश्वासन तक शिक्षक मंत्री आवास के पास डटे रहेंगे। घेराव में राम बहादुर, रीना, संगीता व अमित समेत कई जिलों से आए सैकड़ो शिक्षक शामिल हुए।
स्थानीय खुफिया विभाग रहा फेलः ऐसे प्रदर्शन को लेकर स्थानीय खुफिया विभाग भी फेल रहा। करीब 300 संविदा शिक्षक मंत्री के आवास पहुंंच गए और उन्हें भनक तक नहीं लगी। एलआइयू के अधिकारी पूरे शहर में जोनवार तैनात हैं, इसके बावजूद उन्हें शिक्षकों के आने की भनक नहीं लग सकी।