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Ownership Plan: UP में अगले साल 31 मार्च तक 58 हजार गांवों में आवासीय अभिलेख वितरण का लक्ष्य, हवाई सर्वेक्षण कार्य में तेजी

राज्य सरकार विधानसभा चुनाव से पहले स्वामित्व योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के ग्रामीण आवासीय अभिलेख /घरौनी मुहैया करा देना चाहती है। प्रदेश में 45 ड्रोन हवाई सर्वेक्षण कार्य में लगे हैं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 09:00 AM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 03:04 PM (IST)
Ownership Plan: UP में  अगले साल 31 मार्च तक 58 हजार गांवों में आवासीय अभिलेख वितरण का लक्ष्य, हवाई सर्वेक्षण कार्य में तेजी
यूपी में चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को स्वामित्व प्रमाणपत्र बांटने की मंशा।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार विधानसभा चुनाव से पहले स्वामित्व योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के ग्रामीण आवासीय अभिलेख/घरौनी मुहैया करा देना चाहती है। घरौनी तैयार करने के उद्देश्य से ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में आवासीय संपत्तियों के हवाई सर्वेक्षण कार्य में तेजी लाने के लिए राजस्व विभाग ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग से 100 और ड्रोन उपलब्ध कराने की मांग की है। अभी प्रदेश में 45 ड्रोन हवाई सर्वेक्षण कार्य में लगे हैं।

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स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के 82,913 राजस्व गांव ड्रोन सर्वेक्षण के लिए अधिसूचित किये गए हैं। इनमें से 13,147 गांव गैर आबाद हैं या नगरीय क्षेत्र में आ गए हैं। लिहाजा 69,766 अधिसूचित गांवों का हवाई सर्वेक्षण किया जाना है। अगले साल 31 मार्च तक प्रदेश के कुल 58 हजार गांवों में घरौनी वितरण का लक्ष्य है। प्रदेश में अभी तक 28,501 गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। इनमें से 2006 गांवों में घरौनी वितरण किया जा चुका है। इनके अलावा लगभग 10,500 और गांवों की घरौनी तैयार हो चुकी है।

सरकार की मंशा है कि दिसंबर तक बाकी बचे गांवों का हवाई सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया जाए। इसके लिए ड्रोन की संख्या बढ़ानी पड़ेगी। इसलिए राजस्व विभाग ने भारतीय सर्वेक्षण विभाग से 100 और ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए कहा है, ताकि हवाई सर्वे का काम दिसंबर तक पूरा किया जा सके और चुनाव से पहले ज्यादा से ज्यादा गांवों में घरौनी बांटी जा सके।

आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाने की मांग: आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाकर भर्ती किए जाने की मांग राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने की है। अभी सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा कर्मियों पूरा वेतन तक नहीं दिया जाता। ऐसे में नियमावली बनाकर कर्मियों को शोषण से बचाने की मांग की गई है। सोमवार को परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्य सचिव आरके तिवारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।मुख्य सचिव ने आश्वासन दिया कि मृतक आश्रितों को नौकरी दिए जाने के लंबित सभी मामलों का एक महीने के भीतर निस्तारण किया जाएगा। वेतन विसंगति दूर करने, बकाया एरियर का भुगतान करने और स्वास्थ्य व खाद्य एवं रसद विभाग में कर्मियों के दूर-दराज किए गए तबादले निरस्त करने आदि की मांग की गई। जेएन तिवारी ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों के हित के कई काम किए हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी बाकी मांगें पूरी होंगी।


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